फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) कोरोना संकट काल के बीच भी जिले में परिवार नियोजन कार्यक्रम चलते रहे | सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरौन में पहली बार महिला नसबंदी शिविर का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० दलवीर सिंह की देखरेख में किया गया| इस दौरान सीएमओ ने महिला नसबंदी शिविर का जायजा लिया और जरूरी दिशा निर्देश दिए। महिला नसबंदी के बाद महिलाओं को एंबुलेंस की सहायता से उनके घरों तक भेजा गया ।
सीएमओ ने बताया कि जिले में जब से सीएचसी बनी है तब से अभी तक एक बार भी यहां पर नसबंदी शिविर का अयोजन नहीं किया गया जबकि अन्य गतिविधियों के साथ परिवार नियोजन के अन्य साधन लोगों की इक्षानुसार दिए जाते रहें हैं| सीएमओ ने कहा कि 1 अप्रैल 2022 से अब तक जनपद में लगभग 31 महिलाओं ने नसबंदी की सेवा ली | साथ ही 1 पुरुष ने नसबंदी की सेवा ली है|
उन्होने कहा कि परिवार नियोजन के मामले में पुरुष अब भी अपनी भूमिका नहीं निभा रहे हैं जबकि परिवार को सही दिशा की ओर ले जाने की जिम्मेदारी पुरुष की ही होती है| सीएमओ ने बताया कि यह जमीनी कार्यकर्ताओं की ही मेहनत है जोकि जिले में पहली बार सीएचसी पर इतनी बढ़ी संख्या में महिला नसबंदी हुई है | साथ ही कहा कि कल यानि 21 जून को सिविल अस्पताल लिंजीगंज में खुशहाल परिवार दिवस के साथ ही पुरूष नसबंदी शिविर का आयोजन किया जायगा| इच्छुक व्यक्ति इस दिन आकर पुरूष नसबंदी कराकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं l
सीएमओ ने बताया कि जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहम्दाबाद में 23 जून को, कमालगंज में 27 जून, और 29 जून को शमसाबाद सीएचसी पर फाउंडेशन ऑफ रिप्रोडक्टिव हेल्थ सर्विसेज ऑफ़ इंडिया संस्था के द्वारा महिला नसबंदी शिविर लगाए जायेंगे। इन शिविरों का आयोजन डॉ आशा अरोड़ा स्टाफ नर्स नीरज, काउंसलर निशा मिश्रा और अश्वनी दुवे की देखरेख में किया जा रहा है | डॉ० राममनोहर लोहिया महिला अस्पताल में प्रतिदिन परिवार नियोजन के साधन इच्छा अनुसार दिए जा रहे हैं।
सीएचसी बरौंन के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ० हरि माधव शरण ने बताया कि सीएचसी पर कोरोना से निपटने के साथ ही अन्य कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। महिलाओं को अंतरा इंजेक्शन, गर्भनिरोधक गोलियां एवं परिवार नियोजन से संबंधित परामर्श दिया गया है। नसबंदी कराने वाली महिलाओं को प्रोत्साहन राशि उनके खाते में भेजी जाएगी ।
एमओआईसी ने बताया कि आज सीएचसी पर 28 महिलाओं की नसबंदी की गई| छेदा नगला की रहने वाली 33वर्षीय महिला काल्पनिक नाम नेहा ने सीएचसी पर लगे नसबंदी शिविर में अपनी नसबंदी कराई उन्होंने बताया कि मुझे हमेशा डर लगा रहता था कि कहीं मैं गर्भवती न हो जाऊं क्योंकि गर्भपात कराना बहुत ही खतरनाक होता है अब निश्चिंत हो गई हूं|
मिशन परिवार विकास कार्यक्रम के तहत आने वाले जिलों में नसबंदी अपनाने वाले पुरुषों को प्रोत्साहन राशि के रुप में 3,000 रुपये और महिलाओं को 2,000 रूपये की राशि दी जाती है। साथ ही नसबंदी के लिए दंपति को अस्पताल लाने वाली आशाओं को पुरुष नसबंदी पर 400 रुपये और महिला नसबंदी पर 300 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। पीपीआईयूसीडी लगवाने वाली महिला को 300 रूपए और सेवा प्रदाता को 150 रूपए की धनराशि दी जाती है | अंतरा इंजेक्शन अपनाने वाली महिलाओं को 100 रुपये की राशि दी जाती है। वहीं इन महिलाओं को लाने वाली आशा कार्यकर्ता को 100 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
इस दौरान सीएचसी पर बीपीएम पारुल, बीसीपीएम विनीता, टीएसयू से परिवार नियोजन विशेषज्ञ , आशा कार्यकर्त्ता और लाभार्थी मौजूद रहे |