फर्रुखाबाद|| अक्ल बड़ी कि भैंस यह कहावत यहाँ बिलकुल सटीक बैठती है| अगर छोटे बच्चे गलती करें यह तो समझ में आता है लेकिन जब इंटरमीडिएट के छात्र ही बच्चों से भी गयी गुज़री हरकतें करें तो यह बात गले नहीं उतरती|
वाक्या कुछ ऐसा है कि इंटरमीडिएट उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में बोल-बोलकर करायी गयी नकल भी कापियां जांचने वाले गुरूओं की पैनी नजर से नहीं बच पा रही है। अंग्रेजी में भी बोल-बोलकर नकल के मामले एक-एक कर प्रकाश में आ रहे हैं। परीक्षार्थियों ने नक़ल के कारण जो सही उत्तर दिया था उसको काटकर गलत उत्तर पर सही का निशान ठोंक दिया|
जिले के ग्रामीण केंद्रों में बोल-बोलकर नकल का जो फंडा अपनाया गया वही फंडा कमोवेश पूर्वांचल के जिलों में भी खूब चला। अंग्रेजी परीक्षक डा.संजीव त्रिवेदी ने बताया कि कई प्रश्नोत्तर में सेंस सही है पर शब्दों की स्पेलिंग गलत है। SO की स्पेलिंग SHOW तथा SEE की SHE लिख दिया| अंग्रेजी के लेटर में एक केंद्र पर MY DEAR POOJA से सभी कापियों में पत्र की शुरुआत की गयी।
हिंदी में भी नकल चली। वीरकांत अग्निहोत्री कहते हैं कि वाचाल शब्द को सभी ने वाचार व बातूनी को बातून लिखा गया।