फर्रूखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) बाल विवाह और बाल श्रम बच्चों का बचपन खत्म कर देता है। यह बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और संरक्षण पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
इनको रोकने के लिए सरकार की ओर से कानून बनाए गए हैं लेकिन कोई भी कानून तभी काम कर सकते है जब इसके लिए समाज भी जागरूक हो l इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मिशन शक्ति अभियान 4.0 के अंतर्गत महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए मिशन शक्ति अभियान चलाया जा रहा है l इसी के तहत 1 मई से 7 मई तक ऑपरेशन मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है जिसमें लोगों को बाल विवाह और बाल श्रम को रोकने के लिए जागरूक किया जाएगा l
इसी को लेकर सोमवार को रखा बालिका इंटर कालेज में छात्राओं को बाल विवाह और बाल श्रम के बारे में जागरूक किया गया l इस दौरान जिला प्रोबेशन अधिकारी अनिल चंद्र ने बताया कि जिस लड़की की शादी कम उम्र में हो जाती है, उसके स्कूल से निकल जाने की संभावना बढ़ जाती है। उसे घरेलू हिंसा का शिकार होने का खतरा बढ़ जाता है। खुद नाबालिग होते हुए भी उसकी बच्चेा पैदा करने की संभावना बढ़ जाती है। गर्भावस्था और प्रसव के दौरान गंभीर समस्याओं के कारण अक्सर नाबालिग लड़कियों की मृत्यु भी हो जाती हैं। डीपीओ ने बताया कि बाल विवाह आज के समाज के लिए घातक है , इसको रोकने के लिए हम सबको मिलकर कदम उठाने होंगे l
डीपीओ ने बताया कि बाल विवाह कराने पर एक लाख रुपए का जुर्माना और दो वर्ष तक की सजा अथवा दोनो हो सकते हैं l
बाल संरक्षण अधिकारी सचिन सिंह ने बताया कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों द्वारा किसी होटल, संस्था या घरों में काम करना बाल श्रम कहलाता है इन सभी को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने होंगे यही नहीं हमारा और आपका दायित्व बनता है कि हम इसको रोकने के लिए समाज को जागरूक करें तभी हम इसको रोक सकते हैं l
सचिन ने बताया कि कम उम्र में बच्चों द्वारा काम कराना कानूनन अपराध है इसके लिए आपको सजा भी हो सकती है l इसलिए बच्चों को पढ़ने दें उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ न करें यह उनके भविष्य को अंधकारमय बना सकता है
सचिन सिंह ने इस दौरान चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098, इमरजेंसी नंबर 112 आदि के विषय मे जानकारी दी l परामर्शदाता प्रवीण गुप्ता, सामाजिक कार्यकर्ता अखिलेश कुमार, रूबी सिंह, आउटरीच कार्यकर्ता संदीप कुमार, रखा कालेज की अध्यापिका रेणुका आदि रहे|