आजम खां पर कोर्ट नें तय किये भैंस व बकरी चोरी में आरोप

CRIME FARRUKHABAD NEWS POLICE

रामपुर: शहर विधायक आजम खां के खिलाफ यतीमखाना बस्ती प्रकरण के एक अन्य मामले में अदालत ने आरोप तय कर दिए हैं। उनके खिलाफ दो मामलों में एक माह पहले भी आरोप तय हुए थे। इन मामलों में ही आजम खां पर लोगों के मकान तोड़ने, मारपीट, लूटपाट, भैंस व बकरी चोरी जैसे आरोप लगे हैं। उनके अलावा सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां और सपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल समेत अन्य लाेगों पर भी आरोप तय हुए हैं। अदालत अब इस मामले में 30 अप्रैल को सुनवाई करेगी।सपा सरकार में शहर कोतवाली क्षेत्र स्थित मुहल्ला घोसियान स्थित यतीमखाना बस्ती में कई लोगों के मकान तोड़े गए थे। सरकार बदलने पर वर्ष 2019 में इन लोगों ने 11 मुकदमे दर्ज कराए थे। इन मुकदमों में आरोप है कि आजम खां के इशारे पर बस्ती खाली कराई गई। यहां रहने वालों को पीटा गया। उनके घरों से नकदी व जेवर लूट लिए गए। बाद में घरों को ध्वस्त कर दिया गया था। इन मुकदमों में ही आजम खां के खिलाफ भैंस चोरी, बकरी चोरी जैसे आरोप भी शामिल हैं। इस मुकदमों की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल कोर्ट) में चल रही है।
इन मुकदमों में आजम खां के अलावा सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां, सपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल और इकबाल ठेकेदार भी नामजद हैं। सभी की जमानत हो चुकी है। बुधवार को अदालत ने यतीमखाना प्रकरण के एक मामले में आजम खां समेत चार आरोपितों पर आरोप तय किए। इस दौरान आजम खां सीतापुर जेल से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पेश हुए। कोर्ट ने आरोप पढ़कर सुनाए। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कमल कुमार गुप्ता ने बताया कि आरोपितों ने आरोपों से इन्कार करते हुए विचारण की मांग की है। अब मुकदमे में गवाही होगी। जिस मुकदमे में आरोप तय हुए हैं, वह शाकिर की ओर से दर्ज किया गया है। अदालत ने उसे गवाही के लिए तलब किया है। अब इस मामले में 30 अप्रैल को सुनवाई होगी।
पूर्व पालिकाध्यक्ष की जमानत अर्जी खारिज : शहर विधायक आजम खां के करीबी पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां की तीन मामलों में जमानत अर्जी अदालत ने खारिज कर दी है। उनके खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में 19 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें 12 मुकदमे गंज कोतवाली में डूंगरपुर प्रकरण से संबंधित हैं। इसके अलावा शहर कोतवाली में पांच और सिविल लाइंस कोतवाली में दो मुकदमे दर्ज हैं। वह इन मुकदमों में लंबे समय से फरार थे। उनके घर कुर्की तक हो चुकी है। उनकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम तक रख दिया था। पुलिस ने उन्हें भगोड़ा तक घोषित कर दिया था। पुलिस की सख्ती पर उन्होंने मुरादाबाद कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। उनके खिलाफ मुरादाबाद में भी एक मुकदमा पूर्व सांसद जयाप्रदा पर अभद्र टिप्पणी करने का दर्ज था। उन्होंने डूंगरपुर प्रकरण से जुड़े तीन मामलों में एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) में जमानत प्रार्थना अधिवक्ता के माध्यम से दाखिल किए थे। जिला शासकीय अधिवक्ता अरुण प्रकाश सक्सेना ने बताया कि अदालत ने तीनों मामलों में दाखिल जामनत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिए हैं।