फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) ठेकेदार समीम की हत्या के मामले में उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने बसपा नेता डॉ० अनुपम दुबे की जमानत मंजूर कर ली है| अनुपम बीते 14 जुलाई 2021 से कारागार में निरुद्ध हैं|
विदित है कि बीते 26 जुलाई 1995 में समधन गुरसहायगंज निवासी मो० नसीम पुत्र हनीफ नें कोतवाली फतेहगढ़ में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था| आरोप था कि उसके भाई समीम (ठेकेदार) की कोतवाली फतेहगढ़ के बजरिया अलीगंज में गोली मारकर हत्या कर दी गयी| पुलिस नें अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया|
पुलिस नें विवेचना समाप्त कर 14 जुलाई 1999 को कोर्ट में चार्ज सीट दाखिल की| जिसमे डॉ० अनुपम दुबे पुत्र महेश दुबे निवासी मोहल्ला कसरटटा फतेहगढ़, कौशल किशोर व लक्ष्मी नारायण पुत्र राजाराम दुबे निवासी सहसापुर मोहम्मदाबाद व शिशु उर्फ बाल किशन निवासी मानिकपुर बिसु इकदिल इटावा के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया|
इस मामले में कोर्ट से अनुपम दुबे ने स्टे ले लिया| जो 21 अगस्त 2015 को ख़ारिज हो गया| इसके बाद 27 जुलाई 2018 को इस स्टे की याचिका भी खारिज हो गयी| इसके बाद डॉ०अनुपम नें इस मामले में कोर्ट में समर्पण नही किया था| जब इंस्पेक्टर रामनिवास की हत्या के मामले में अनुपम के घर पर कुर्की और गिरफ्तारी का ताना बाना बुना तो अनुपम दुबे नें समीम (ठेकेदार) की हत्या के मामले में कोर्ट में सरेंडर कर दिया था| तकरीबन एक वर्ष से वह जनपद मैंनपुरी की जिला जेल में निरुद्ध है| गुरुवार को उनकी हाई कोर्ट ने सशर्त जमानत मंजूर कर ली है|