फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) बीते लगभग 22 वर्ष पूर्व ग्रामीण की गोली मारकर हत्या किये जानें के मामले में न्यायालय ने मंगलवार को पूर्व प्रधान सहित 7 को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है| न्यायालय ने उन्हें जेल भेज दिया|
कोतवाली मोहम्मदाबाद क्षेत्र के ग्राम गैसिंगपुर निवासी वीरेंद्र पाल सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया| जिसमे कहा था की 23 अप्रैल 1999 को सुबह 7:35 बजे सुबह वह अपने घर पर मौजूद था| उसके भाई वीरेंद्र , राजवीर, भतीजा सुखेन्द्र व घर के अन्य सदस्य मौजूद थे| उसी समय श्यामवीर के गाँव के शरद उर्फ छोटे भईया पुत्र रणवीर सिंह जिसके हाथ में उसके चाचा वीरभान सिंह की बंदूक थी व दीपू अपने पिता की लाइसेंसी रायफल लिए थे| संजीब उर्फ छोटे, गुड्डू अबधेश के हाथ में नाजायज तमंचा था| रामेश्वर व जागेश्वर व रामसेवक निवासी निसाई अपने हाथ में कट्टे, लाठी-डंडे व बेल्ट लिये थे| वह सभी गाली-गलौज करते हुए घर में घुस आये तथा जान से मारनें की नियत से शरद उर्फ छोटे भईया व दीपू रायफल व बंदूक से अंधाधुंध फायरिंग करनें लगे|जिससे गोली श्यामवीर के भतीजे सुखेन्द्र के पेट में लग गयी | इसके बाद अन्य हमलावर भी श्यामवीर के साथ ही उसके भाई वीरेंद्र पाल व राजवीर को बेल्ट डंडा व लाठी से मारपीट करनें लगे| दीपू ने अपने पिता की लाइसेंसी रायफल से सुखेन्द्र को जान से मारनें की नियत से गोली मारी|
पुलिस ने मामले में धारा 147, 148, 149, 452, 307 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया| जिसके बाद घायल सुखेन्द्र को सुखेन्द्र सिंह कांस्टेबल ने सीएचसी मोहम्मदाबाद में भर्ती कराया था| दूसरे दिन 25 अप्रैल को सुखेन्द्र की मौत हो गयी| पुलिस नें मौके से 24 अप्रैल 1999 को तमंचा कारतूस बरामद किया था| 26 अप्रैल 1999 को हत्या के प्रयास का मुकदमा हत्या में पुलिस ने तब्दील किया| 11 जून 1999 को विवेचक दारोगा मंसूरी लाल सोनकर (एसएसआई) ने आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया|
बीते 16 मार्च 2022 को न्यायालय ने सातों आरोपी पूर्व प्रधान शरद उर्फ छोटे भईया उर्फ मोनू राठौर पूर्व प्रधान, दीपू पुत्र सुरेश चंद्र, संजीव उर्फ छोटे उर्फ राजीव पुत्र हरनाथ सिंह, अवधेश पुत्र सूरज सिंह निवासी गैसिंगपुर व रामेश्वर पुत्र मुंशी बाथम, जागेश्वर तेली पुत्र शिवनारायण सिंह, रामसेवक पुत्र बिहारी निवासी निसाई के खिलाफ दोष सिद्ध किया| मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ श्रीकृष्ण कुमार ने सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया|
यह मिली सजा
147 में 2 वर्ष सश्रम कारावास व 2000 जुर्माना, 149 में 2 वर्ष सश्रम कारावास व 2000 जुर्माना, 452 में 5 वर्ष सश्रम कारावास व 5000 जुर्माना
302 में सश्रम आजीवन कारावास व जुर्माना शरद व दीपू पर 1-1 लाख जुर्माना
शेष प्रत्येक पर 50-50 हजार जुर्माना किया गया है|
न्यायालय के बाहर डटे रहे परिजन
मंगलवार को न्यायालय के बाहर अभियुक्तों के परिजन सुबह से ही डटे रहे| सजा सुनाये जाने के दौरान परिजनों की आँखों में आंसू नजर आये|