फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) रूस-यूक्रेन के बीच जंग ने उन भारतीय छात्र- छात्राओं की जिंदगी खौफ में डाल दी है जो वहां रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। विद्यार्थी हैं जो धमाकों के बीच छटपटा रहे हैं। यहां उनके स्वजन की नींद उड़ गई है। स्वजन वीडियो काल करके उनका कुशलक्षेम जान रहे हैं। फर्रुखाबाद के पांच छात्र युक्रेन में पढ़ाई करनें गये थे| जिसमे से 2 की बतन वापसी हो गयी है| जबकि तीन आनें की तैयारी में हैं|
यूक्रेन में फंसे बच्चों को लेकर उनके परिवार वालों में चिंता बढ़ती जा रही है। परिवार वाले भी अपने बच्चों को फोन और वीडियो कॉल के जरिए यूक्रेन के हालात की लगातार जानकारी लेने में जुटे हैं। नगर के आवास विकास निवासी सुरेन्द्र वर्मा जनपद कन्नौज के समधन गुरसहायगंज में सीएचसी पर फार्मासिस्ट के पद पर कार्यरत है| उनका बेटा अभिषेक भी यूक्रेन में रखकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है| वह भी इस समय यूक्रेन में ही है और पूरी तरह सुरक्षित है| उसकी वीडियो काल से बात परिजनों से लगातार हो रही है| उसने परिजनों को बताया की एक-दो दिन में भारत आनें की व्यवस्था बन सकती है| वहीं शमसाबाद सीएचसी में तैनात चीफ फार्मासिस्ट कमलेश बाबू का बेटा प्रतीक यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। यह उसकी चौथी साल है। वह भी अपने परिजनों से फोन पर बात कर सम्पर्क में है| इसके साथ ही आवास विकास के ही अखिलेश राजपूत का पुत्र वरुण राजपूत भी यूक्रेन में एमबीबीएस चौथी वर्ष की पढ़ाई कर रहा है| वह अभी वहीँ फंसा है|
यूक्रेन से लौटी एमबीबीएस छात्रा तान्या नें बतायी आप बीती
आवास विकास निवासी विजय राठौर की बेटी तान्या नें जेएनआई को बताया कि यूक्रेन में माहौल खराब होनें के बाद पिता विजय राठौर नें उसका टिकट बुक कर दिया गया था| वह तीन दिन पूर्व घर आ गये है| उसने कई फर्रुखाबाद के कई छात्रों को जानती है जो उसके साथ ही पढ़ते है| तान्या नें बताया कि इस समय वहां के हालत बहुत खराब है| मेरे सारे दोस्त वहां फंसे हुए है| उन्हें कोई मदद नही मिल पा रही है| जहाँ पर उसके दोस्त है वहां आस-पास कई धमाके हुए है| उसने बताया कि विश्व विद्यालय के द्वारा पहले धीरे-धीरे घर जानें की बात कही गयी लेकिन जैसे-जैसे हालात बिगड़े तो विद्यालय ने सभी छात्रों को घर जानें की नसीहत दी| छात्रों ने अपने टिकट 26 फरवरी, 5 मार्च तक के बुक किये| लेकिन तभी अचानक हमला हो गया और उसके सभी दोस्त वहीं फंसे है| तान्या नें पीएम मोदी से अपने दोस्तों को सकुशल वापस लानें की अपील की| तान्या के साथ ही दीनदयाल बाग निवासी विजय राजपूत का पुत्र हिमांशु भी वापस लौटा है| वह एमबीबीएस पांचवी वर्ष का छात्र है|