लखनऊ: उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक शिक्षकों को खुश करने वाली खबर है। करीब पांच साल बाद शिक्षकों को पदोन्नत करने की तैयारी है। इसमें उन्हीं शिक्षकों को लाभ मिल सकेगा, जिन्होंने सेवा के पांच साल पूरे कर लिए हैं। विभाग में ऐसे शिक्षकों की संख्या लगभग 50 हजार है। जिलों में प्रक्रिया चल रही है, विभाग नए साल के आसपास इसका ऐलान कर सकता है।
बेसिक शिक्षा परिषद के डेढ़ लाख से अधिक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में करीब चार लाख से अधिक शिक्षक तैनात हैं। प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक को पदोन्नत होने पर प्राथमिक स्कूल में प्रधानाध्यापक या उच्च प्राथमिक स्कूल में सहायक अध्यापक बनाया जाता है। वहीं, प्राथमिक स्कूल के प्रधानाध्यापक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापक की पदोन्नति उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक पद पर होती है। पदोन्नति प्रक्रिया उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली 1981 (अद्यतन संशोधन) के अनुसार शिक्षक की पांच वर्ष की सेवा पूरी होने पर होती है।
परिषदीय विद्यालयों में 2016 के बाद से शिक्षकों की पदोन्नति नहीं हुई है, शिक्षक इसकी निरंतर मांग कर रहे हैं। यही नहीं बेसिक शिक्षा मंत्री डा. सतीश द्विवेदी कई बार शिक्षकों को पदोन्नत करने का विभागीय अफसरों को निर्देश दे चुके हैं। दीपावली बाद से जिलों में यह प्रक्रिया शुरू हुई है। ज्ञात हो कि शिक्षकों का पद जिला स्तर का ही होता है। अफसरों के अनुसार करीब 40 हजार शिक्षकों को उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक या प्राथमिक का प्रधानाध्यापक बनने का अवसर मिलेगा, वहीं आठ हजार शिक्षकों को उच्च प्राथमिक स्कूल में प्रधानाध्यापक बनाने की तैयारी है।
उच्च प्राथमिक के प्रकरण कोर्ट में : परिषदीय प्राथमिक शिक्षकों की आसानी से पदोन्नत हो सकेगी, जबकि उच्च प्राथमिक के शिक्षकों को पदोन्नत के प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन हैं। ज्ञात हो कि उच्च प्राथमिक में प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति के लिए कुछ शिक्षक टीईटी उत्तीर्ण होने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा अन्य प्रकरण भी हैं, विभाग उनको खंगाल रहा है।
सपा शासन में तैनाती पाने वाले होंगे पदोन्नत : पदोन्नति पाने वालों में उन शिक्षकों की संख्या अधिक है, जिन्हें सपा सरकार में नियुक्ति मिली थी। मसलन, 72825 शिक्षक भर्ती, उर्दू शिक्षक, विशिष्ट बीटीसी आदि। परिषदीय स्कूलों में 2016 में शिक्षकों की पदोन्नति में सेवाकाल में छूट दी गई थी, उस समय तीन वर्ष की सेवा वालों को पदोन्नति का लाभ मिला। इस बार पांच साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षकों की संख्या 50 हजार के आसपास है इसलिए सेवाकाल में छूट मिलने की उम्मीद नहीं है।