फर्रुखाबाद:(राजेपुर संवाददाता) जल स्तर कम होनें के बाद भी गांवों में बाढ का पानी भरा हुआ है| आमजन के साथ की अब मबेशियों को भी पेट भरनें का संकट बढ़ गया है| शुक्रवार को गंगा और रामगंगा का जल स्तर अभी भी खतरे के निशान के करीब है|
गंगा और रामगंगा की बाढ़ तो धीरे-धीरे कम हो रही है| लेकिन बबाढ़ पीड़ितों को अब अपना जीवन पटरी पर लानें के लिए काफी पापड़ बेनें होंगे| बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के कई गांवों में शुद्ध पानी पीने का संकट है| दीपावली का त्योहार सिर पर है लेकिन बाढ़ पीड़ित खुशी के प्रकाश की जगह आम जन दुखों केअधेरें में गुम हैं| आवास पानी में कट जाने के बाद ग्रामीण सड़क पर पन्नी डालकर गुजारा कर रहें है| आशा की मड़ैया संपर्क मार्ग पर करीब ढाई फिट पानी बह रहा है। मबेशियों को बाढ़ के पानी से कई बीमारियाँ भी घेर रहीं है| उनके चारे की भी व्यवस्था नही हो पा रही है| घरों में भूसा नही बचा है| देखे क्या आंकड़े बता रहे है जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह-
जलस्तर घटने पर भी रामगंगा खतरे पर,गंगा घटी
गंगा का जलस्तर 5 सेंटीमीटर घटकर 136.75 मीटर पर पहुंच गया है।नरौरा बांध से गंगा में 52787 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रामगंगा का जलस्तर 20 सेंटीमीटर घटने के बाद भी खतरे के निशान 137.10 मीटर पर बह रही है। खोह हरेली रामनगर से रामगंगा में 11225 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।