फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) पूर्व मंत्री स्वार्गीय ब्रह्मदत्त द्विवेदी के भतीजे सुधांशु दत्त द्विवेदी के तत्कालीन सरकारी गनर का अपहरण व हत्या कर कारबाइन लूटने के मामले में न्यायालय नें 19 साल बाद एक आरोपी को आजीवन कारावास की सजा से दंडित कर अर्थदंड भी लगाया है| जबकि एक आरोपी को न्यायालय नें दोष मुक्त कर दिया| वही मुख्य आरोपी की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है|
दरअसल बीते लगभग 19 पूर्व 5 अगस्त 2002 को कमलेश देवी ने पुलिस अधीक्षक फतेहगढ़ को तहरीर दी| जिसमे कहा कि उनके पति वीरेंद्र सिंह राठौर सुधांशु दत्त द्विवेदी एडवोकेट के सरकारी गनर थे| जो 28 जुलाई 2002 को सुबह 8 बजे सुधांशु दत्त द्विवेदी की सुरक्षा में गये थे| जो आज तक नही लौटे| जबकि मेरे पति हमेशा की तरह देर सबेर लौट आते थे| कमलेश नें तहरीर में कहा था कि उसके घर पर सुधांशु दत्त के दूसरे गनर शारदानन्द पाण्डेय आये उन्होंने बताया कि 28 जुलाई को घुमना तक गनर वीरेंद्र सिंह के साथ सुधांशु दत्त द्विवेदी का चालक राजू भी आया था| कमलेश नें पूर्व मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी के भतीजे सुधांशु दत्त द्विवेदी उनके चालक राजू व दूसरे गनर शारदा नन्द पाण्डेय के खिलाफ पति वीरेंद्र सिंह को गायब करनें का शक जाहिर किया| पुलिस नें तहरीर के आधार पर सुधांशु दत्त द्विवेदी, उनके चालक राजू व दूसरे गनर शारदा नन्द पाण्डेय के खिलाफ अपहरण की धारा 364 के तहत 6 जुलाई 2002 में शहर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कर लिया| मुकदमें की विवेचना दारोगा सोम नाथ को दी गयी|
पुलिस नें मामले की जाँच पड़ताल की| पुलिस की जाँच में सुधांशु दत्त द्विवेदी, उनका चालक राजू और सरकारी दूसरा सरकारी गनर शारदा नन्द पाण्डेय को पुलिस जाँच में दोषी नही पाया गया और पुलिस नें उन्हें क्लीनचिट दे दी| पुलिस नें घटना में शाहजहाँपुर सिघौली कीरतपुर निवासी अशोक कुमार त्रिपाठी पुत्र जंग बहादुर, कार चालक दिनेश कुमार उर्फ लल्ला पुत्र रामेश्वर दयाल निवासी बढ़पुर फर्रुखाबाद, अमृतपुर के अमैयापुर निवासी अजय ठाकुर पुत्र वीरपाल के खिलाफ चार्ज शीट पुलिस नें कोर्ट में दाखिल की|
दरअसल आरोपी अशोक कुमार त्रिपाठी व अजय ठाकुर नें कारबाइन हासिल करनें के लिए सुधांशु दत्त द्विवेदी के गनर वीरेंद्र राठौर की अपहरण कर हत्या करनें की खूनी योजना बनायी| जिसके बाद एक टाटा सूमो दिनेश कुमार उर्फ लल्ला से किराये पर ली| आरोपी अशोक व दिनेश नें घटना स्थल पर सिपाही की हत्या की और उसका शव नदी में फेंक दिया| काइवाइन छिपा दी| पुलिस जाँच में नाम सामने आने के बाद अशोक त्रिपाठी की निशान देही पर कराबाइन बरामद की गयी| मुकदमें की सुनवाई के दौरान मुख्य आरोपी अशोक कुमार त्रिपाठी की मौत हो गयी| वहीं कोर्ट नें माना की आरोपी टाटा सूमो चालक दिनेश कुमार उर्फ लल्ला को हत्या की योजना में शामिल नही किया गया था| कोर्ट नें माना की आरोपी उसकी कार किराये पर करके ले गये और उसके बाद घटना स्थल से पहले ही उतार दिया और कार लेकर चले गये और घटना को अंजाम दिया गया|
जिससे कोर्ट नें आरोपी टाटा सूमो चालक दिनेश को दोष मुक्त कर दिया| वहीं न्यायालय नें अजय ठाकुर पुत्र वीरपाल पर दोषसिद्ध किया| कोर्ट नें माना की हत्या और अपहरण आदि में अजय ठाकुर मुख्य आरोपी अशोक कुमार त्रिपाठी के साथ रहा था| लिहाजा अजय ठाकुर को कोर्ट नें सिपाही वीरेंद्र सिंह की हत्या में आजीवन कारावास व 10 हजार जुर्मना व जुर्माना अदा ना करनें में एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा| वही अपहरण के मामले में पांच साल की कारावास व 10 हजार जुर्माना व जुर्माना अदा ना करनें पर 6 महीने का अतिरिक्त कारावास की सजा से दंडित किया गया|
पूर्व मंत्री की हत्या के मुकदमें में वादी थे सुधांशु इस लिए मिली थी सरकारी सुरक्षा
दरअसल सेनापति निवासी पूर्व मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी की 1997 में हत्या हत्या गोली मारकर कर दी गयी थी| उनकी हत्या के मुकदमें में सुधांशु दत्त द्विवेदी वादी थे| जिसके चलते उन्हें सरकारी गनर दिए गये थे|