फर्रुखाबाद:(नगर संवाददाता) रविवार को मानस सम्मेलन के अन्तिम दिन मानस विद्वानों ने भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक पर चर्चा की और कहा कि रामराज्य की तरह ही कलयुग में राजा को जनता के सुख , दुःख और भलाई के का म करना चाहिए |
पाण्डवेशवर नाथ मंदिर के सत्संग भवन में डॉ रामबाबू पाठक के संयोजन में चल रहे मानस में कानपुर से आयी मानस कोकिला ज्ञानगंगा ने श्रीराम राज्याभिषेक प्रसंग पर कहा कि लंका युद्ध के बाद श्रीराम को भाई भरत की याद आयी | श्रीराम ने हनुमान को प्रतीक्षा कर रहे भरत के पास भेजा कि श्रीराम अयोध्या आ रहे है |विमान से श्रीराम ,लक्ष्मण, सीता, विभीषन,अंगद सहित कई वानर अयोध्या पहुचे | चारो भाई व सभी माताए एक दूसरे से मिले | श्रीराम के आगमन से सारी अयोध्या आनन्द के सागर में डूब गई| श्रीराम ने सभी भाइयो की जटाए सुलझाकर स्वयं नहलाया | गुरु वशिष्ठ ने शुभ मुहूर्त देखकर श्रीराम का राज्याभिषेक कर मुकुट पहनाकर सिहासन पर बैठाया |
प्रथम तिलक वशिष्ठ मुनि कीन्हा ,पुनि सब विप्रन आयुष दीना | श्रीराम के राज्याभिषेक में देवता ,नर ,किन्नर ,सभी जनता ,माताए व सभी भाई शामिल हुए | झाँसी से आये मानस मनोहर रितेश रामायणी ने कहा कि श्रीराम के वन जाने पर चर्चा हुई तो रा जा दशरथ ने ब्रह्मा जी से अनुरोध किया कि मेरा पुत्र वन न जाये, ब्रह्मा जी ने शिवजी के पास जाने को कहा | राजा दसरथ ने शिवजी से अनुरोध किया कि श्रीराम वन को न जाये | शिवजी ने मुस्कराकर कहा कि विधि का विधान पहले से तय उसे में बदल नहीं सकता हू | श्रीराम वन को जायेगे और आप मेरे लोक को आओगे | झाँसी के मानस विद्वान् अरुण गोस्वामी तथा मानस कोकिला राधा शर्मा ने भी प्रवचन दिया | संचालन रामेन्द्र मिश्रा ,बी के सिंह ने किया | तबले पर संगत नन्द किशोर पाठक ने की | इस मौके पर ज्योतिसरूप अग्निहोत्री , नगर विधायक की पत्नी अनीता दिवेदी ,अशोक रस्तोगी , सुरजीत पाठक ,राजीव मिश्रा ,रजनी लौगनी, रामबरन दीक्षित ,शशि रस्तोगी ,रविन्द्र भदौरिया
बालकृष्ण ,विजयलक्ष्मी पाठक ,संध्या पाठक आदि रहे।