पर्यावरण संरक्षण को श्रद्धा से जोड़कर बनाये मिट्टी के गणपति

FARRUKHABAD NEWS धार्मिक सामाजिक

फर्रुखाबाद:(दीपक शुक्ला) विश्वास और दृढ़ आस्था पत्थर को भी भगवान बना देती है। मिट्टी हो या कागज की लुग्दी ईश्वर का प्रतिबिंब नजर आता है। पर्यावरण संरक्षण को श्रद्धा से जोड़कर गणेश प्रतिमा का आकार देने वाली सोच अनुकरणीय है। प्रथम पूज्य गौरी पुत्र गणेश को मनाने शुक्रवार तड़के से ही लोग जुट गए। प्रभु की प्रतिमा को ढोल नगाड़ों के साथ घरों और पंडालों तक लाया गया और उसके बाद भव्य भजन, पूजन के साथ 10 दिवसीय महोत्सव की शुरुआत हो गई। इसी के बीच बेटियों ने घर में ही मिट्टी के गणेश बनाकर पर्यावरण संरक्षण का शुभ संदेश दिया है| वह घर के गमले में ही गणपति का विसर्जन भी करेंगी|
शहर से सटे ग्राम सातनपुर निवासी धर्मेन्द्र दुबे की पुत्री 13 वर्षीय जागृति दुबे व 14 वर्षीय प्रगति दुबे नें गणेश चतुर्दशी पर लोगों को पर्यावरण के शुभ-लाभ का संदेश दिया है| दोनों बहनों का गणपति की मूर्ति से पर्यावरण वंदना का यह तरीका खास है। मिट्टी में के गणेश प्रतिमा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनुकरणीय कदम है। इससे नदी प्रदूषण थमने के साथ ही हरियाली को भी बढ़ावा मिलेगा।
मिट्टी को तरासकर गणेश प्रतिमा बनानें वाली दोनों बहनें कहती है कि श्रद्धा के साथ ही हमे यह भी ध्यान रखना चाहिए कि पर्यावरण को नुकसान ना हो| बाजार में बिकने वाली प्रतिमाओं को कैमिकल आदि से तैयार किया जाता है जो नदी व तालाबों में विसर्जन करनें से पानी प्रदूषित होता है| लिहाजा हमनें घर पर ही मिट्टी के गणपति बनाकर स्थापित कर दिये|