डेस्क: बरसात के मौसम में अपनी सेहत को लेकर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है। खान-पान पको लेकर हर सचेत रहने से स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। अनाप-शनाप खानपान किसी को भी बीमार बना सकता है। लोहिया संस्थान के आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉक्टर एसके पांडेय कहते हैं कि बरसात के मौसम में पाचन संबंधी परेशानी अधिक होती है। सुपाच्य भोजन नहीं करने से एसिडिटी, गैस्ट्रोएन्टराइटिस, फूड प्वाइजनिंग, पेचिश, अपच कच्ची डकार इत्यादि की शिकायत बढ़ जाती है। ऐसे में इस मौसम में आसानी से पचने वाला भोजन किया जाना चाहिए। सब्जियों में घीया, तोरी, टमाटर, भिंडी, प्याज और पुदीना का सेवन उत्तम है। जबकि फलों में सेब, आडू और अनार खा सकते हैं। मोटे अनाज में चावल, गेहूं, मूंग की दाल, खिचड़ी इत्यादि ठीक रहता है।खाने में धनिया, अदरक, हींग, काली मिर्च का इस्तेमाल करें।
इन चीजों से करें परहेज: आयुर्वेद विशेषज्ञ के अनुसार इस मौसम में मसूर, मक्का, आलू, कटहल, मटर, उड़द, चने की दाल, मोठ जैसी भारी व गैस बढ़ाने वाली चीजें खाने से परहेज करें। इस मौसम में बासी और रूखा खाना भी न खाएं। रात के समय छाछ व दही का इस्तेमाल करने से बचें। जैम, मुरब्बा और अचार से भी इस मौसम में दूरी रखें।
तला-भुना खाने की बजाय दाल व सब्जी के साथ सलाद और रोटी लें। नॉन वेज और पत्तेदार सब्जियां भी परहेज के लायक हैं। गैस व बदहजमी होने पर खाने से पहले 5 से 10 ग्राम अदरक का टुकड़ा सेंधा नमक के साथ चबा चबाकर खाएं। इससे हाजमे की ताकत बढ़ेगी, भूख खुलकर लगेगी। इस मौसम में पानी को उबालकर ही पीना चाहिए शाह की पेचिश डायरिया व अन्य बीमारियों का खतरा ना पर क्योंकि पानी अशुद्ध होने की वजह से ही इस मौसम में अधिकांश लोग बीमार पड़ते हैं बरसात के मौसम में सड़क किनारे खेलों पर वह गंदी जगहों पर लगे स्टाल पर नहीं खाना चाहिए घर का बना भोजन ही खाएं।