डेस्क: कोरोना की तीसरी लहर की आशंका निरंतर बनी हुई है जिसको लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की चिंताये निरंतर बनी हुई है| प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा भी देश की जनता को कोरोना से डटकर व कोरोना प्रोटोकाल का पूर्णतया पालन करने का सन्देश भी दिया गया था| अन्तर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि अगर कड़ाई से कोरोना प्रोटोकाल का पालन किया जाए तो तीसरे लहर आने की संभावनाए कम हो सकती है|
कोरोना महामारी के चलते राज्य सरकारो के द्वारा अपने स्तर से लोगो से कोरोना नियमो के पालन करने की अपील निरंतर की जाती रही है इस सबके बाबजूद भी अगर सबसे पहले अपने आस पास देखे तो हर गली,मोहल्ले,चौराहे,तिराहे पर कोरोना प्रोटोकॉल की खिल्लियाँ उडती देखी जा रही है| जिसका भविष्यात्मक परिणाम किसी से छुपा नहीं है पिछली दो कोरोना की लहरों को झेलते हुए आजकल हर किसी को कोरोना वायरस व कोरोना वायरस से जुडी साबधनियाँ से अवगत है| फिर भी जिन्दगी को ताक पर रखकर आई डोंट केयर के फार्मूले पर जिंदगी की फर्राटे भर रहे है| जब तीसरी लहर के दस्तक देने की आशंका है तो लोगों को चाहिए कि अपने आपको याद दिलाएं कि कोविड कोई कल्पना नहीं है,बल्कि एक कड़वी हकीकत है। कुछ लोगों को तो यह भी लगता है कि हमने वैक्सीनेशन लिया है अब हमें कुछ नहीं होगा। यह भी ठीक नहीं है। वैक्सीन ली है तो जान का खतरा नहीं होगा लेकिन वायरस संक्रमण तो हो ही सकता है। शुरू शुरू में लोगों को एंजायटी थी वे डर कर घर बैठे। लेकिन अब वे सोचते हैं कि हम अपने ही ग्रुप में तो हैं अपने ही बबल में हैं तो कोई मुश्किल नहीं होगी। दो साल से घर बैठकर ऊब जाने से भी उनका निडर रवैया हो गया है। जो कि ठीक नहीं है। इसके परिणाम खतरनाक हो सकते हैं। कहीं न कहीं ऐसा लग रहा है कि लोगों की याददाश्त धुंधला गई है और वे दूसरी लहर की भयावहता को भूल गए हैं। अपने काम के लिए बाहर निकलना मजबूरी हो सकता है लेकिन बिना जरूरत के नहीं निकलें। काम के लिए निकलें तो भी तो मास्क पहने रखिए,सेनेटाइज कीजिए। अपने आपको संभाल कर रखिए। मोब मेंटेलिटी में बिल्कुल न फंसें। यह न सोचें कि जो भीड़ कर रही है वही करना है। खुद को बचाना हर व्यक्ति की अपनी जिम्मेदारी है। खुद को खतरे में न डालें। वैसे भी जान लें कि बरसात में सिर्फ कोरोना ही नहीं बल्कि कई वायरस पैदा हो रहे हैं। प्रत्येक व्यक्ति को समझ लेना चहिये कि जान है तो ही जहान है |