फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) कोरोना संक्रमण के बीच ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) भी तेजी से फैल रहा है । यह कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों के लिए खतरा बन गया है, लेकिन इससे डरने की जरूरत नहीं है, बचाव करने से इस रोग को रोका जा सकता है। इसके लिए डॉ० राममनोहर लोहिया चिकित्सालय पुरुष में चार बेड ब्लैक फंगस से ग्रसित रोगी के लिए आरक्षित कर दिए गए हैं| इसके साथ ही सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक नेत्र, गला रोगियों के लिए ओपीडी खोल दी गई है, वह इस दौरान इलाज करा सकते हैं |
जिले में अभी तक ब्लैक फंगस से ग्रसित कोई भी व्यक्ति नहीं मिला है, सभी लोग सतर्क और साबधान रहें, लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल में आकर संबंधित डाक्टर को दिखाएँ | जिला सर्विलांस अधिकारी व उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० राजीव शाक्य ने कहा कि म्यूकोरमाइकोसिस नामक इस रोग के होने के पीछे लंबी अवधि तक इस्तेमाल किया गया मास्क हो सकता है। मास्क पर जमा होने वाली गंदगी के कण से आंखों में फंगस इन्फेक्शन होने की संभावना बनी रहती है।
डॉ० राजीव ने बताया कि फंगस के संक्रमण की शुरुआत नाक से होती है । नाक से ब्राउन या लाल कलर का म्यूकस जब बाहर निकलता है तो यह शुरुआती लक्षण ब्लैक फंगस का माना जाता है, फिर यह धीरे धीरे आंखो मे पहुंच जाता है । नेत्रों में लालीपन, कन्जेक्टेवाइटिस के लक्षण इस रोग में उभरते हैं। नेत्रों में भंयकर पीडा होती है और फिर विजन पूरी तरह समाप्त हो जाता है। इस फंगस का असर नेत्रों के रेटिना पर पडता है फिर ब्रेन,नर्वस सिस्टम व ह्रदय तक पहुँचने से मृत्यु तक हो जाती हैं।
उन्होंने ब्लैक फंगस से बचाव के लिए साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखें। मरीज के बिस्तर की चादर प्रतिदिन बदली जानी चाहिए। तकिया इत्यादि को भी साफ रखे जाने की जरूरत है। लंबे समय तक तकिये को धूप नहीं दिखाई गई होती है, इस कारण उसमें भी फंगस हो जाता है, इससे मरीज को फंगस लगने का चांस बढ़ जाता है। इसलिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
बचाव के तरीके
ब्लड शुगर पर पूरा नियंत्रण रखें
स्टेराइड का उचित, तर्कसंगत और विवेकपूर्ण प्रयोग
कोविड मरीज को ऑक्सीजन देते समय उसका पानी रोजाना बदला जाए
दिन में दो बार नाक को सलाइन से धोएं
जो कोविड रोगी अधिक जोखिम वाले हैं, उनकी नाक धोना और एमफोरेटिस बी से उपचार
साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें
मुख्य चिकित्साधिकारी वंदना सिंह नें बताया कि ब्लैक फंगस अनियंत्रित शुगर के मरीजों में ज्यादा होने का खतरा होता है। इसलिए यह जरूरी है कि जिन मरीजों की शुगर अनियंत्रित रहती है वह अपनी शुगर को नियंत्रित रखें। जिन लोगों को कोविड-19 का संक्रमण हुआ है वह स्टेरॉयड डॉक्टर की सलाह पर ही लें। इसके साथ ही जिन रोगियों को ऑक्सीजन लग रही है वह रोजाना ऑक्सीजन के रेग्यूलेटर में लगे पानी को बदलें।