लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश भर के परिषदीय विद्यालय पूर्व की तरह एक मार्च से बच्चों के लिए खुलने जा रहे हैं। सीएम योगी के निर्देश पर नौनिहालों के स्वागत के लिए स्कूलों में तैयारियां शुरू हो गई है। स्कूलों को रंगीन गुब्बारों, फूलों और झालरों से सजाया जाएगा, ताकि महीनों बाद जब बच्चें स्कूल में कदम रखें तो उनको एक नया माहौल मिले। पढ़ाई के लिए नई ऊर्जा मिल सके। सीएम योगी के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग बच्चों के स्वागत के लिए अभी तैयारियों में जुट गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कक्षा 1 से 5 तक के परिषदीय विद्यालयों को पूर्व की तरह एक मार्च से संचालित किए जाने के निर्देश दिए हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से एक साल तक ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले बच्चें जब स्कूल पहुंचेंगे तो उनको बहुत कुछ बदला हुआ दिखाई देगा। स्कूल की कक्षाओं और गेट को रंगीन गुब्बारों, फूलों व रंग बिरंगी झालरों से बच्चों के स्वागत के लिए सजाया जाएगा। माथे पर टीका लगाकर बच्चों का स्कूल में स्वागत किया जाएगा। लखनऊ के बीएसए दिनेश कुमार के मुताबिक शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्कूलों को बच्चों के स्वागत के लिए सजाए, ताकि कई महीनों बाद विद्यालय आने वाले छोटे बच्चों को संकोच न हो बल्कि स्कूल देख कर उनका मन प्रफुल्लित हो जाए।
स्कूलों में बच्चों के पीने के पानी के लिए रनिंग वाटर की व्यवस्था की जाएगी। शिक्षकों को समरसेबिल पंप आदि लगाने के निर्देश दिए हैं। जानकारों की मानें तो शिक्षकों को कम्पोजिट ग्रांट से रनिंग वाटर की व्यवस्था करना होगी। इसके अलावा लड़कियों के लिए शौचालय की अलग व्यवस्था की जाएगी।
उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्रदेश के 1.5 लाख से अधिक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 1 करोड़ 83 लाख से अधिक बच्चें पढ़ते हैं। 11 महीने बाद एक मार्च को जब प्राथमिक विद्यालय के छात्र अपने स्कूल पहुंचेंगे तो उनको बहुत कुछ बदला हुआ नजर आएगा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कोरोना संक्रमण के दौरान प्रदेश के एक लाख से अधिक स्कूलों का कायाकल्प किया जा चुका है। स्कूल व कक्षाओं की दीवारों को आकर्षक पेटिंग, स्लोगन आदि से सजाया गया है। स्कूलों को स्मार्ट क्लास व लाइब्रेरी से लैस किया गया है। अकेले लखनऊ के 1642 स्कूलों से करीब 100 स्कूल में स्मार्ट क्लासेज बनाए गए हैं।