फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) राजस्व अभिलेखों में अविवादित वरासत दर्ज करने के लिए सभी तहसीलों में बीते 15 दिसंबर से अभियान शुरू किया गया है। इसके लिए समय सारिणी तय कर दी है। जिलाधिकारी ने अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिये| इसके साथ गांवों में लेखपालों को जाकर खतौनी पढ़कर सुनानी है| इस प्रक्रिया पर डीएम की सीधी नजर रहेगी|
लेखपाल गांवों में जाकर न केवल इसका प्रचार-प्रसार करेंगे, बल्कि खतौनियों को पढ़ने के साथ ही वरासत दर्ज के लिए प्रार्थना पत्र प्राप्त कर 30 दिसंबर तक आनलाइन भरेंगे। 31 दिसंबर से 15 जनवरी तक आनलाइन जांच की प्रक्रिया पूरी करेंगे। राजस्व निरीक्षक जांच व आदेश पारित करने की प्रक्रिया 16 जनवरी से 31 जनवरी तक पूर्ण करेंगे। राजस्व निरीक्षक कार्यालय की तरफ से नामांतरण आदेश को आर-6 में दर्ज करने के बाद खतौनियों की प्रविष्टियों को भूलेख साफ्टवेयर में 16 जनवरी से 31 जनवरी तक अपडेट करेंगे। प्रत्येक लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार व एसडीएम से डीएम इस आशय का प्रमाण पत्र प्राप्त कि करेंगे कि उनके क्षेत्र के राजस्व ग्रामों में निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई भी प्रकरण अवशेष नहीं है। इसके लिए एक फरवरी से 7 फरवरी तक की तिथि तय की गई है। आठ फरवरी से 15 फरवरी तक डीएम की तरफ से जनपद के प्रत्येक तहसील के 10 फीसद राजस्व ग्रामों को चिह्नित करेंगे। एडीएम, एसडीएम व अन्य जनपद स्तरीय अधिकारियों से जांच कराएंगे।
डीएम मानवेन्द्र सिंह ने जेएनआई को बताया कि वरासत दर्ज करने के लिए अभियान शुरू किया गया है। इसके लिए समय सारिणी तय है। इस कार्य में लापरवाही सामने आने पर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेखपालों को 30 दिसम्बर तक खतौनी पढ़कर सुनाना है| इसकी निगरानी के लिए अधिकारियों की तैनाती की गयी है| कहा कि शासन की यह अच्छी पहल है। इससे जिले के तमाम लोगों को फायदा होगा।