लखनऊ: अखंड सुहाग की कामना और परिवार की समृिद्ध का पर्व करवा चौथ चार नवंबर को है। महिलाएं दिन भर निर्जला व्रत रखकर पति की दीर्घायु की कामना करती हैं। चांद के दीदार के बाद जल ग्रहण करतीं हैं। चंद्रोदय भले ही लखनऊ के समय अनुसार लगभग 8:05 बजे होगा, लेकिन चतुर्थी पर का चांद होने का कारण पूरी तरह दिखने इंतज़ार भी करवाएगा। बाजारों में भी रौनक दिखने लगी है।
आचार्य राकेश पांडेय ने बताया कि चार नवंबर को कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी करवा चौथ का व्रत रखना रखा जाएगा। इस दिन उदया तिथि में चतुर्थी रहेगी और चंद्रोदय भी चतुर्थी में ही हो रहा है। लखनऊ के समय के अनुसार लगभग 8:05 बजे चंद्रोदय होगा। चौथ पर का चंद्रोदय होने से सुहागिनों को पूर्ण रूप से चंद्रमा के दर्शन 20 से 25 मिनट बाद होंगे।
एक घड़ी के भीतर पूजन करना श्रेयस्कर
आचार्य अनुज पांडेय ने बताया कि चंद्रोदय एक घड़ी (24 मिनट) के भीतर पूजन करना उत्तम रहेगा। उन्होंने बताया अधिकमास पड़ने के बाद पहली बार व्रत रखने वाली महिलाएं करवा चौथ का व्रत कर सकती हैं। पहली बार व्रत के समय जब गुरु और शुक्र अस्त हो तब व्रत करने से बचा जाता है।
राशि के अनुसार पुष्प व वस्त्र साड़ी पहनकर पूजन करना श्रेयस्कर
आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि करवा चौथ में विशेष फल लाभ के लिए महिलाएं राशि अनुसार साड़ी पहनें, उसी के मुताबिक फूल भी चढ़ाएं।
- मेष- गहरे लाल रंग की साड़ी, लाल गुलाब से पूजन।
- वृष- पीली साड़ी सँग पीले और सफ़ेद फूल से अर्चना।
- मिथुन- हरी साड़ी, हरा पुष्प अर्पित करें।
- कर्क – गुलाबी रंग की साड़ी से पूजन करें, चावल चढ़ाएं।
- सिंह- लाल साड़ी और गुलाब के साथ पूजन करें।
- कन्या – हरी धारियों वाली साड़ी धारण कर पत्ती युक्त फूल से अर्चना करें।
- तुला – सफ़ेद कढ़ाई वाली गुलाबी अथवा पीली साड़ी और सफ़ेद गुलाब अर्पित करें।
- वृश्चिक – प्लेन साड़ी, कुमकुम चढ़ाएं।
- धनु- हल्की पीली साड़ी धारण कर पीला गेंदा चढ़ाएं।
- मकर – कथई रंग का वस्त्र, उसी रंग सा गेंदे फूल से पूजन।
- कुम्भ – मैरून रंग की साड़ी और नील कमल चढ़ाएं।
- मीन – पीली साड़ी धारण करें व पीला या गुलाबी फूल से पूजन करें।