फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) बारिश न होने से आलू की अगैती की बुवाई प्रभावित हो गई है। जमीन में नमी न होने के कारण खेतों की पलेवट करने से फसलों की लागत बढ़ गई है, जिसके कारण किसान परेशान है। इसके अलावा किसानों को महंगा बीज भी खदीदना पड़ रहा है, हालांकि अगले वर्ष अच्छा दाम मिलने की उम्मीद में आलू की फसल की ज्यादा बुवाई हो रही है। इस साल सितंबर में बारिश नहीं हुई, इस कारण खेतों में नमी कम हो गई।
जिले में आलू की बड़ी पैदावार होती है| इस बार आलू की बिक्री सही दामों में होनें से किसान उत्साहित है और अधिक से अधिक आलू की फसल करने की तैयारी में है| लेकिन बरसात ना होनें से कई किसानों का बजट बिगड़ गया है|आशाराम, किसान, विजाधरपुर नें बताया कि आलू के अधिक उत्पादन के लिए खेत बारिस के दिनों में खेत खाली रखते हैं। बरसात में कई बार खेतों की जुताई करते हैं। इस बार बरसात कम होने से आलू का उत्पादन भी कम होने की आशंका है।
नन्हे लाल पुत्र बाबूराम निवासी कुबेरपुर अमृतपुर पलेवट करने से अगैती व पिछैती की आलू की बुवाई एक साथ होगी। खेती में नमी न होने से सरसों व आलू की बुवाई प्रभावित हो रही है। पलेवट की लागत बढऩे से किसान परेशान हैं।
हिमांशु निवासी कुडरा अमृतपुरबरसात ना होनें से आलू की फसल पिछैती हो गयी है| इसके साथ ही साथ 2 हजार से 3 हजार अतिरिक्त खर्च हो रहा है| जिसका बोझ भी किसान पर अलग से आ रहा है| बरसात होती तो अतरिक्त खर्च भी नही होता और आलू की बुवाई भी समय पर हो जाती|
जिला आलू विकास अधिकारी रामनरायण वर्मा नें जेएनआई को बताया कि बरसात ना होनें से नमी खेतों में कम है| जिसके चलते किसानों को पलेवट करना रहा है| पिछैती आलू होनें से उसके उत्पाद में कोई फर्क नही पड़ेगा| जनपद में 42 हजार हेक्टेयर में आलू का उत्पादन होता है|