लखनऊ: भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे दो आईपीएस अधिकारियों अजयपाल शर्मा और हिमांशु कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। विजिलेंस ने ट्रांसफर-पोस्टिंग में पैसों के लेन-देन के प्रमाण मिलने के बाद दोनों आईपीएस अफसरों पर ऐंटी करप्शन ऐक्ट की धाराओं में एफआईआर दर्ज करवाई है।
इन दोनों पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच के बाद विजिलेंस ने एफआईआर दर्ज करा दी है। इन दोनों के सहित कुल पांच लोगों को नामजद किया गया है, जिसमें कथित पत्रकार चंदन राय, स्वप्निल राय और अतुल शुक्ला भी शामिल हैं। दोनों अफसरों पर भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की गई थी। शासन के निर्देश पर मार्च 2020 में विजिलेंस ने दोनों आईपीएस अधिकारियों के विरुद्ध अपनी जांच शुरू की थी। सूत्रों का कहना है कि विजिलेंस जांच में दोनों अफसरों की कुछ बेनामी संपित्तयों की भी जानकारी सामने आई है।
एफआईआर दर्ज होने के बाद दोनों ही आईपीएस अधिकारियों के निलंबन को लेकर जल्द ही फैसला हो सकता है। विजिलेंस निदेशक के निर्देशन में तैयार रिपोर्ट में दोनों आईपीएस के खिलाफ लगे तमाम आरोपों में से कई सही पाए गए थे। शासन से नियमों के मुताबिक अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की संस्तुति की गई थी।
माफिया से चैटिंग, महिला पर फर्जी केस, मनचाही पोस्टिंग
एसआईटी और विजिलेंस ने अपनी जांच में आईपीएस अजयपाल शर्मा पर कई गंभीर आरोप लगाए। एसआईटी ने अपनी जांच में दावा किया है कि शर्मा ने उनकी पत्नी होने का दावा करने वाली महिला के खिलाफ बुलंदशहर और रामपुर में फर्जी मुकदमे दर्ज करवाए। वह जेल में बंद माफिया अनिल भाटी से लगातार वॉट्सऐप पर चैट कर रहे थे। इसके अलावा मेरठ और एक अन्य जिले में अपनी तैनाती करवाने के लिए कथित पत्रकार और उसके साथी से 80 लाख रुपये के लेन-देन की बात भी की। अजयपाल की वॉट्सऐप चैट तथा कॉल रेकॉर्ड को एसआईटी ने अपनी जांच में सबूत बनाया है। इसी के बाद विजिलेंस ने भी उनके खिलाफ जांच की। नोएडा के पूर्व एसएसपी रहे वैभव कृष्ण ने मनचाही पोस्टिंग के लिए लेनदेन का मसला उठाया था। अजयपाल इसी मामले में आरोपी हैं।
मनचाही पोस्टिंग के लिए हिमांशु ने किया था सौदा
वहीं आईपीएस हिमांशु कुमार ने मनचाही तैनाती के सिलसिले में छह जुलाई 2019 की शाम को लखनऊ के फन मॉल में कथित पत्रकार स्वप्निल राय से मुलाकात की थी। गैंगस्टर के आरोपित दूसरे कथित पत्रकार चंदन राय ने यह मीटिंग फिक्स करवाई थी। इसके बाद तैनाती और लेन-देन को लेकर कथित नेता अतुल शुक्ला और हिमांशु कुमार के बीच वॉट्सऐप चैट हुई। चैट में भी अतुल शुक्ला ने फन मॉल की मीटिंग का जिक्र किया था। विजिलेंस ने एसआईटी की जांच रिपोर्ट और अपनी पड़ताल के बाद फन मॉल की मुलाकात, वॉट्सऐप चैट और लोकेशन के आधार पर ही आईपीएस हिमांशु के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की।