सेटिंग न हो पाने से रसोईघर निर्माण का 72 लाख सरेंडर

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वित्तीय वर्ष के अंतिम दो दिनों मे 16 करोड़ का बजट साफ

फर्रुखाबाद, वित्तीय वर्ष के अंत के चलते विभागों में बजट खत्म करने की होड़ लगी रही। विगत दो दिनों में ही लगभग 16 करोड़ रुपये के बिल आहरित किये गये। बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रधानाध्यापकों से सेटिंग न हो पाने के कारण 92 विद्यालयों के किचेन शेड का 72 लाख रुपया सरेंडर कर दिया है।

विदित है कि वित्तीय वर्ष के अंत में ही विभागों से बजट आने और उनके खर्च करने के नाम धनराशि आहरित कर रख लिये जाने की पुरानी परंपरा है। शासन की ओर से हर वर्ष ऐसा न होने देने की हवाई घोषणाऐ की जाती हैं और अंत में होता वही सब है। कोषागार में देर रात्रि तक गहमागहमा मची है। वरिष्ठ कोषाधिकारी श्रीनिवास शुक्ला ने बताया कि बुधवार को लगभग ढाई सौ बिल प्राप्त हुए थे, जिनके सापेक्ष चार करोड़ से अधिक का भुगतान किया गया। उन्होंने बताया कि गुरुवार को भी लगभग साढ़े पांच सौ बिल प्राप्त हुए हैं, जिनकी अनुमानित धनराशि लगभग 12 करोड़ है।

बेसिक शिक्षा विभाग ने जनपद के 92 स्कूलों के किचेड शेड इंप्रूवमेंट के लिये 78 हजार 500 रुपये प्रति की दर से आयी धनराशि शासन को वापस कर दी है। विभागीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह पैसा मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण की ओर से आया था। इसको संबंधित विद्यालय के एमडीएम खाते में जाना था। यह खाता ग्राम प्रधान व प्रधानाधयापक के संयुक्त हस्ताक्षर से संचालित होता है। कई प्रधानाध्यापकों ने निर्माण के लिये अधिकारियों व ग्राम प्रधान द्वारा इस धनराशि में से हिस्सा मांगे जाने के कारण निर्माण कार्य करान से इनकार कर दिया था। विभाग की मजबूरी यही थी कि हिस्सा छोड़ने से एक तो परंपरा खराब पड़ने की संभावना थी और दूसरे यह कि ग्राम प्रधान पर उनका बस नहीं था। सो यह 72 लाख 22 हजार रुपये की धनराशि शासन को वापस सरेंडर कर दी गयी है। पाठ्य पुस्तकों की मद का भी 5 लाख 89 हजार का बजट वापस कर दिया गया है।