लखनऊ:(जेएनआई) बसों में रूट पर भ्रष्टाचार की मिली गोपनीय सूचना पर मुख्यालय के प्रवर्तन दस्ते ने मंगलवार एटा-फर्रुखाबाद मार्ग पर एक बस की औचक जांच की। इसमें 52 यात्री बिना टिकट मिले। प्रबंध निदेशक डॉ. राजशेखर ने चालक परिचालक को नौकरी से बाहर करते हुए संबंधित आधा दर्जन अफसरों को निलंबित कर दिया है। इनमें दो सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक और एक यातायात अधीक्षक के अलावा तीन सहायक यातायात अधीक्षक हैं। एमडी ने मामले में क्षेत्रीय प्रबंधक से संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।परिवहन मंत्री अशोक कटारिया के निर्देश पर मुख्यालय के प्रवर्तन दस्ते ने उक्त कार्रवाई की।
भ्रष्टाचार की मिली शिकायत पर रोडवेज के दस्ते ने हजियापुर के पास एटा डिपो की बस संख्या यूपी 81-एएफ-1887 की जांच की। इसमें 68 यात्री सवार थे। इनमें से 52 बेटिकट थे। एमडी के निर्देश पर तत्काल प्रभाव से चालक लायक सिंह व परिचालक राहुल कुमार की सेवा समाप्त कर दी गई। वहीं सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक एटा डिपो मदन लाल, एआरएम फर्रुखाबाद अंकुर विकास को निलंबित कर दिया गया। रूट पर इस कदर भ्रष्टाचार देख एमडी ने इटावा रीजन के यातायात अधीक्षक अजय कुमार पांडेय के अलावा सूरत सहाय, वेदराम, संजय कुमार सहायक यातायात निरीक्षकों को निलंबित कर दिया है।
दोषियों से की जाएगी वसूली: प्रबंध निदेशक प्रबंध निदेशक डॉ. राजशेखर ने सभी क्षेत्रीय अफसरों को चेतावनी देते हुए साफ कहा है कि प्रवर्तन कार्यों में किसी प्रकार की शिथिलता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बिना टिकट यात्रा के प्रकरण पाये जाने पर दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध भी कठोरतम कार्यवाही की जायेगी। साथ ही परिवहन निगम को हुई आर्थिक हानि की वसूली भी दोषियों से की जायेगी। एमडी ने कहा कि अलीगढ़, आगरा, मथुरा समेत कई क्षेत्रों के भ्रष्टाचार वाले रूटों की जानकारी एकत्र हो रही है। भ्रष्टाचार वाले क्षेत्र के अफसर नपेंगे। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।