लखनऊ:(जेएनआई) उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराध को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के तेवर काफी सख्त हो गए हैं। कानपुर के बिकरू कांड के बाद लैब टेक्नीशियन की अपरहण व हत्या तथा गाजियाबाद में पत्रकार की हत्या के मामलों से सीएम योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज हैं। उनकी नाराजगी का असर कानपुर की एएसपी तथा सीओ के निलंबन के रूप में हुआ है।
कोरोना संक्रमण के कहर में भी प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ के तमाम प्रयास के बाद भी बेलगाम होता अपराध अब पुलिस के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो गई है। कानपुर बर्रा कांड में शुरुआती कार्रवाई शुरू एएसपी अपर्णा गुप्ता और तत्कालीन सीओ मनोज गुप्ता निलंबित। एडीजी पीएचक्यू बीपी जोगदंड को जांच सौंपी गई। सीएम योगी आदित्यनाथ की पुलिस अफसरों पर यह बड़ी कार्रवाई है। इसमें कानपुर में एएसपी के पद पर तैनात आइपीएस अफसर अपर्णा गुप्ता तथा पीपीएस अफसर सीओ मनोज गुप्ता को निलम्बित किया गया है।
कानपुर में संजीत यादव के अपहरण के मामले में हटाए गए पूर्व प्रभारी निरीक्षक थाना बर्रा रणजीत राय और चौकी इंचार्ज राजेश कुमार को भी निलंबित कर दिया गया है। कानपुर में पर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी कानपुर नगर अपर्णा गुप्ता और क्षेत्राधिकारी मनोज गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है। एडीजी बीपी जोगदंड अब कानपुर में अपहरण के बाद हत्या तथा फिरौती की जांच करेंगे। उनको तत्काल प्रयागराज से कानपुर पहुंचने का निर्देश जारी किया गया है।उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था के मामले में कोई भी समझौता न करने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ के तेवर आज सीएम आवास पर कोरोना वायरस की समीक्षा बैठक के दौरान ही दिख गए थे। पुलिस तथा अपराधियों के बीच साठ-गांठ के कई मामले सामने आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ का पारा चढ़ा है। उनके तेवर देखकर अनुमान लगाया जा रहा था कि प्रदेश के पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल जल्दी हो सकता है। इसके साथ ही गाजियाबाद, सीतापुर तथा कौशांबी में लापरवाही बरतने के दोषी पुलिस वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई भी तय है।
कानपुर में उत्तर प्रदेश पुलिस के नाम एक और कलंक लग गया है। यहां से अपहृत लैब टेक्नीशियन की हत्या से सरकार की किरकिरी होने लगी है। यहां पर पुलिस ने अपहृत लैब टेक्नीशियन के घर वालों से अपहरणकर्ता को 30 लाख रुपये भी दिलवा दिए, लेकिन अपहरणकर्ता भाग निकले। कानपुर में विकास दुबे के केस के बाद यह मामला काफी संगीन हो गया है।