फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) सातनपुर गल्ला मंडी के आढती भड़क गये| उन्होंने मंडी के भीतर शुल्क लिए जाने का विरोध किया और आलू मंडी के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया| जिससे अपना अनाज लेकर आये किसानों ने विरोध किया तो आढतियों से जमकर नोकझोंक हुई| जिसके कई घंटे बाद मंडी सचिव को ज्ञापन देकर गेट खोला गया|
दरअसल सरकार नें मंडी के बाहर लगने वाले शुल्क को खत्म कर दिया| जबकि मंडी समितियों के भीतर ढाई प्रतिशत शुल्क लगा दिया| जिससे आढती भड़क गये| उन्होंने तीन दिवसीय हड़ताल की घोषणा कर दी| गल्ला आढती एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण मिश्रा, महामंत्री राजन दुबे आदि ने मंडी गेट पर आकर गेट का मुख्य द्वार बंद कर दिया और सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया| महामंत्री राजन दुबे ने बताया कि सरकार के फैसले के खिलाफ तीन दिवसीय बंदी की गयी है|
गेट का ताला बंद होनें से ट्रैक्टरों व अन्य संसाधनो से अपनी मूंगफली, मक्का आदि अनाज लेकर आये किसान भड़क गये| किसानों नें गेट बंद करने का विरोध किया तो आढतियों से उनकी तीखी नोकझोंक हो गयी| किसान श्रीराम, बहादुर सिंह, नेत्रपाल, महेंद्र सिंह आदि ने कहा कि किसानों को पहले ही सूचना दी जानी चाहिए थी| जिससे किसान अनाज लेकर नही आते|
पांच घंटे गेट पर खड़े पसीना बहाते रहे अन्नदाता
आढतियों की अपनी मांगो के चलते मंडी गेट बंद करने से सुबह लगभग 9 बजे से 1 बजे तक मंडी का गेट बंद रखा| जिससे अनाज लेकर आये किसान लगभग पाँच घंटे एक पैर से धूप में खड़े रहे| तकरीबन 5 घंटे के बाद व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष अरुण प्रकाश तिवारी ददुआ, जिलाध्यक्ष संजीब मिश्रा बॉबी, प्रमोद गुप्ता, अशोक कनौजिया आदि मंडी समिति के गेट पर पंहुचे और सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियाँ उड़ाई| मजमा लगाकर दर्जनों की संख्या में लोगों को एकत्रित कर जिला प्रशासन के फरमान को खुली चुनौती दी गयी| जिले में कोरोना एक दूसरे के सम्पर्क में आने से फ़ैल रहा है| आम जनता के लिए कानून है लेकिन राजनैतिक लोगों के लिए कानून पुलिस की नजर में नही है| सोशल डिस्टेंसिंग तोड़कर मंडी सचिव को ज्ञापन सौपा| जिला प्रशासन नें 10 वर्ष से कम और 60 वर्ष से जादा लोगों को बाहर निकलने से मना कर रखा है उसके बाद भी ददुआ का जाना सबालिया निशान है कि जिलाधिकारी का फरमान कितनी सीमा तक माना जा रहा है|
गल्ला आढती एसोसिएशन के महामंत्री राजन दुबे नें बताया कि अभी तीन दिन हड़ताल जारी रहेगी| किसानों को निवेदन किया गया है कि हड़ताल वाले दिनों में अपना अनाज बिक्री के लिए नही लायें|
आईटीआई चौकी इंचार्ज रविन्द्र निषाद नें जेएनआई को बताया कि उन्हें हड़ताल में भीड़ होनें और सोशल डिस्टेंसिंग टूटने की जानकारी नही है| जानकारी कर जाँच की जायेगी|