फर्रुखाबाद:(राजेपुर प्रतिनिधि) कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग का ही बचाव की एक मात्र दवा है| सरकार और शासन भी इसी दवा की घुट्टी लोगों को पिला रही है| लेकिन इसके बाद भी डग्गामार लोगों की जान जोखिम में डालकर मौत का सफर करा रहे है|
जो फोटो आप देख रहे है यह राजेपुर कस्बे से गुजर रहे टैम्पों की है| पहले तो बाबा आदम के ज़माने का टैम्पों उसके बाद उनमे क्षमता से अधिक सबारियां और किसी के भी चेहरे पर मास्क नाम की कोई चीज नही| फोटो चीख-चीख कर कह रही है कि क्षेत्र में डग्गामार तो मौत का सफर करा रहें है लेकिन आम जनता के भीतर पुलिस का इकबाल कम हो गया है| मास्क को लेकर लोग जागरूक नही है| ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ही किया जा रहा है|
किसके पास जा रहा डग्गामार से अबैध बसूली का पैसा?
सड़क पर फर्राटा भर रहे डग्गामार बिना किसी रोंकटोंक के निकलते है| कस्बे के तिराहे पर टैम्पों चालकों से प्रति चक्कर एक प्राइवेट व्यक्ति बसूली करता है| आखिर यह पैसा किसके पास जा रहा है| यह यक्ष प्रश्न है| राजेपुर से हुल्लापुर तक टेम्पो में ओवरलोड सवारियां भरी जाती हैं