नई दिल्ली: एलओसी पर चीन से तनातनी के बाद सीमा पर हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं। इस बीच शाम 5 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में अलग-अलग पार्टियों के अध्यक्षों को आमंत्रित किया गया है। इस वर्चुअल बैठक में सभी दलों को पिछले कुछ दिनों से चीन के साथ चल रहे तनाव की जानकारी दी जाएगी। बैठक में कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी, उद्धव ठाकरे, शरद पवार, अखिलेश यादव, हेमंत सोरेन, ममता बनर्जी, चंद्रबाबू नायडू शामिल होंगे। भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल केंद्र सरकार से सवाल कर रहे हैं। हालांकि, सभी दलों ने केंद्र सरकार के साथ खड़े होने की बात कही है।
– गलवन घाटी की घटना के बाद भारतीय फौज ने यहां पर अपने सैनिकों का जमावड़ा बढ़ा दिया है। इतना ही नहीं इस जगह से करीब दो-तीन किलोमीटर दूर सेना के दर्जनों ट्रक अपने जरूरी संसाधनों के साथ खड़े हैं।
– अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने चीन के साथ संघर्ष में शहीद हुए भारत के जवानों के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त की है।
– 15-16 जून को गलवन घाटी में हुई झड़प में जान गंवाने वाले सिपाही जय किशोर सिंह की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग उमड़े। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘जय किशोर अमर रहे’ के नारे लगाए।
– भारत-चीन के बीच गलवन घाटी में हुई झड़प में जान गंवाने वाले सिपाही जय किशोर सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे।
– सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के लिए आम आदमी पार्टी को अभी तक न्योता नहीं मिला है। आप नेता संजय सिंह ने ट्वीट करके कहा है, ‘केंद्र में एक अजीब अहंकार ग्रस्त सरकार चल रही है। आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार है। पंजाब में मुख्य विपक्षी पार्टी है, 4 सांसद हैं। लेकिन किसी महत्वपूर्ण विषय पर भाजपा को आप की राय नहीं चाहिए। कल की बैठक में प्रधानमंत्री क्या बोलेंगे पूरे देश को इंतज़ार है?’
– गलवन घाटी में जान गंवाने वाले सैनिकों में से एक मध्य प्रदेश के नायक दीपक कुमार भी थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शहीद दीपक को हमेशा याद रखा जाएगा। उनके परिवार को 1 करोड़ की सम्मान निधि, एक सदस्य को नौकरी व कोई मकान या प्लॉट दिया जाएगा।
– पूर्वी लद्दाख की गलवन घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए थे। यह पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में दोनों देशों के बीच हुआ सबसे बड़ा सैन्य टकराव है। इसके कारण दोनों देशों के बीच सीमा पर पहले से जारी गतिरोध की स्थिति और गंभीर हो गई है।