गोंडा: उत्तर प्रदेश के शिक्षा के साथ ही राजनीतिक गलियारे में बीते एक हफ्ते से बेहद चर्चा में चल रही अनामिका शुक्ला आखिरकार सामने आ ही गई। गोंडा के भुलईडीह की रहने वाली अनामिका शुक्ला ने किसी भी जिले में नौकरी नहीं की है। उसने दावा किया है कि उसके शैक्षिक अभिलेखों का दुरुपयोग किया गया है, वह इसको लेकर केस करेगी।
उत्तर प्रदेश के 25 जिलों में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में नौकरी करने और एक करोड़ रुपये से अधिक सैलरी लेने के कारण चर्चा में रहीं अनामिका शुक्ला आखिरकार सामने आ गईं। इसको लेकर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे थे। मंगलवार को गोंडा में बेसिक शिक्षा अधिकारी के सामने आने वाली अनामिका शुक्ला नाम की युवती ने दावा किया कि वह कहीं नौकरी नहीं कर रही बल्कि उसके शौक्षिक अभिलेखों का दुरुपयोग कर फर्जीवाड़ा किया गया।
गोंडा के भुलईडीह की रहने वाली अनामिका शुक्ला बीएसए कार्यालय में उपस्थित हुईं। यहां उन्होंने किसी भी कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में नौकरी नहीं करने का दावा किया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी को अपने मूल शैक्षिक अभिलेख दिखाते हुए अनामिका ने कहा कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में विज्ञान शिक्षक के लिए सुल्तानपुर, जौनपुर, बस्ती, मिर्जापुर व लखनऊ में आवेदन किया था, लेकिन न तो काउंसिलिंग में शामिल हुईं और न ही कहीं नौकरी ही कर रही हैं। उन्होंने बताया कि उनके अभिलेखों का दुरुपयोग करके कई लोग नौकरी कर रहे हैं। अब बीएसए से कार्रवाई की मांग की है।
गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से प्रदेश में अनामिका शुक्ला का नाम छाया हुआ है। कहा जा रहा है कि प्रदेश के 25 जिलों के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में इस नाम से पूर्णकालिक शिक्षक की नौकरी कर रही थी। यह प्रकरण खुलने के बाद से ही अनामिका की खोज की जा रही थी।
अनामिका शुक्ला के नाम से नौकरी हासिल करने को लगाए गए अभिलेख जिले के कस्तूरबा गांधी इंटर कालेज रेलवे कालोनी, बेनी माधव जंग बहादुर इंटर कॉलेज परसपुर व श्री रघुकुल महिला विद्या पीठ सिविल लाइंस के थे। इसमें बीएड का अभिलेख आदर्श कन्या स्नातकोत्तर महा विद्यालय जीयापुर बरूआ जलाकी टांडा आंबेडकर नगर का लगाया गया था। हालांकि, आवेदन में पता मैनपुरी का दिया गया था। ऐसे में जिले में अनामिका की तलाश की जा रही थी।अनामिका ने एफआइआर कराने के लिए कहा
गोंडा के बीएसए डा. इंद्रजीत प्रजापति ने बताया कि अनामिका शुक्ला आई थीं। उन्होंने मूल अभिलेख प्रस्तुत किया। उनको एफआईआर कराने के लिए कहा गया है।