फर्रुखाबाद:(नगर प्रतिनिधि ) लॉक डाउन के चलते इस समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा रहा है| जिससे कोरोना जैसी महामारी से निपटा जा सके| वही वट साबित्री व्रत पर अपना जीवन खुद संकट में डाल घर से निकली सुहागिनों ने वट पूजन कर पति के लम्बे जीवन की कामना की| सुहागिनों नें सावित्री सत्यवान की कथा भी सुनाई।
शुक्रवार को हर्षोल्लास के साथ सुहागिनों ने वट साबित्री का व्रत रखा| सोलह श्रंगार करके सुहागिने कोरोना काल में खुद की जान की फ़िक्र किये बिना सड़कों पर निकली और वट वृक्षों पर पूजन किया और पति की लम्बी उम्र की कामना के लिए वट वृक्ष पर पीला धागा लपेटा गया|
इसके साथ ही साथ सत्यवान और साबित्री की कथा का श्रवण भी किया गया|
आचार्य सर्वेश शुक्ला नें बताया कि भारतीय संस्कृति में वट सावित्री व्रत आदर्श नारीत्व का प्रतीक बन चुका है। स्कंद पुराण तथा भविष्योत्तर पुराण के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को यह व्रत करने का विधान है, वहीं निर्णयामृत आदि के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या को व्रत करने की बात कही गई है। वट सावित्री व्रत सौभाग्य को देने वाला और संतान की प्राप्ति में सहायता देने वाला व्रत माना गया है।
शहर में वट वृक्ष की पूजा में पुलिस की बाधा
दरअसल वर्षों से शहर कोतवाली की कादरी गेट चौकी में दशकों पुराना वट वृक्ष है| जिसमे वट साबित्री का व्रत रखने वाली सुहागिनें आकर पूजा अर्चना करती थी| लेकिन लॉक डाउन में महिलाओं को पुलिस नें पूजा नही करने दी| उन्हें वापस कर दिया| जिसके बाद महिलाओं में दूसरी जगहों पर जाकर पूजा अर्चना की|