सस्पेंस- स्कूल बाउंड्री वाल का 4 करोड़ खर्च मगर ग्राम शिक्षा निधि में नहीं पंहुचा

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फर्रुखाबाद: जनपद के 200 प्राइमरी और 100 जूनियर स्कूलों में बाउंड्री बाल के लिए लगभग 4 करोड़ की धनराशि सर्व शिक्षा अभियान के जिलास्तरीय खाते से तो निकल कर खर्च हो गयी मगर 15 दिन बीत जाने के बाद भी बैंक की बाउंड्री के बाहर निकल कर ग्राम शिक्षा निधि के खातो तक नहीं पहुच सकी| अलबत्ता सर्व शिक्षा अभियान के लखनऊ से दिल्ली दफ्तरों तक ये रिपोर्ट जरूर पहुच गयी कि पैसे का उपभोग कर लिया गया है| ये खुलासा खुद फर्रुखाबाद के सर्व शिक्षा अभियान के लेखाधिकारी घनश्याम ने जेएनआई को तब किया जब उनसे पूछा गया कि बाउंड्री वाल के पैसे कि क्या स्थिति है| सूत्रों से मिली खबर के अनुसार बैंक को बाउंड्री वाल आवंटन वाली पूरी सूची अभी तक नहीं सौपी गयी है जिसके कारण पैसा विभिन्न खातो में नहीं भेजा जा सका और ये सूची किसी प्रकार के “एडवांस” के इन्तजार में तैयार नहीं हो पायी है| हालाँकि घनश्याम इस बात पर आधी सहमती जताते हुए बाकी बाते नकार गए| उन्होंने बताया कि सर्व शिक्षा अभियान के उस खाते से पैसा आहरित कर लिया गया है जिसमे ये भेजा गया था|

केंद्र सरकार के कार्यक्रम सर्व शिक्षा अभियान के उत्तर प्रदेश के राज्य परियोजना निदेशक के राम मोहन राव के पत्र संख्या नि० का०/एसएसए/सप्ली० प्ला०/4554/2010-11/ दिनांक 10 दिसम्बर 2010 के अनुसार जिलों से सर्व प्रथम उन स्कूलों में बाउंड्री वाल बनाने के लिए प्रस्ताव मांगे गए थे जो सड़क/रेल लाइन के किनारे, नहर/तालाब के किनारे या फिर वन क्षेत्र के विद्यालय हैं| इन स्कूलों में बाउंड्री वाल के लिए रुपये 1105/- प्रति मीटर की दर से 200 मीटर बाउंड्री प्रति स्कूल और 7000/- प्रति गेट के हिसाब से बनाने थे| इस योजना के तहत सर्व शिक्षया अभियान के उत्तर प्रदेश परियोजना कार्यालय के 3 फरवरी 2011 के पत्र के अनुसार धनराशी भी जारी कर दी गयी| जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा 8 मार्च 2011 को सूचित किया गया कि उक्त कार्य हेतु धनराशी ग्राम शिक्षा निधि के खातो में भेज दी गयी है| मगर खुद सर्व शिक्षा अभियान फर्रुखाबाद के लेखाधिकारी के अनुसार अभी तक ग्राम शिक्षा निधियो के खातो में ये धनराशी नहीं पहुची है और पैसा उनके जिला स्तर के खाते से निकल गया है| यक्ष सवाल ये है कि ये पैसा कहाँ है? कहीं दाल में कुछ काला तो नहीं?

लेखो अभिलेखों में हेर फेर के सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा जनपद का बेसिक शिक्षा विभाग 31 मार्च निपटाने के चक्कर में बेसिक घोटाला विभाग बनने पर अमादा है| यहाँ से तबादले पर गए पिछले अधिकारिओं के खिलाफ भ्रष्टाचार की खुली फाइलों में से अभी तक एक भी बंद नहीं हो पायी है और नयी आधा दर्जन फाइलें लोकायुक्त और भ्रष्टाचार निवारण आयोग के लिए तैयार हैं| आलम ये है कि इस विभाग के फर्रुखाबाद कार्यालय के कर्णधार शिक्षा की अर्थी निकाल विकास के लिए आये बजट को सिर्फ कागजो में खर्च कर रहे हैं, हकीकत में उस बजट के सापेक्ष काम का कोई अता पता भी नहीं है| इन घोटालों घपलो में स्कूल भवन से लेकर मुफ्त बटने वाली किताबे तक शामिल हैं|