पूर्व DM ने MDM समन्वयक के नवीनीकरण का प्रस्ताव निरस्त किया था

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फर्रुखाबाद: आखिर जिलाधिकारी कार्यालय पर ही MDM समन्वयक नीलू मिश्रा ने उस फ़ाइल को खोने का आरोप क्यूँ लगाया| ये फ़ाइल बेसिक शिक्षा कार्यालय से भी खो सकती है जैसा कि इस कार्यालय में घपले से सम्बन्धित कोई फ़ाइल नहीं मिलती है| फिर नियुक्ति फ़ाइल तो सरकारी दस्तावेज है जो कि बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा नियुक्त सम्बन्धित पटल के पास होनी चाहिए थी| आखिर सरकारी दस्ताबेज खोने की रपट पुलिस को एक संविदा के कर्मी को लिखाने का क्या अधिकार है? बेसिक शिक्षा अधिकारी या उनके द्वारा नियुक्त परिषद् का कोई कर्मी रपट लिखाने क्यूँ नहीं गया?

जो फ़ाइल गायब हुई हैं उसमे मध्याह भोजन प्राधिकरण के निदेशक से लेकर अपर निदेशक बेसिक शिक्षा द्वारा नीलू मिश्र के विरुद्ध कार्य में लापरवाही और मुख्यमंत्री को फर्जी सूचना देने के एवज में शासकीय कारवाही और वेतन कटौती के आदेशो के कई पत्र चस्पा थे| MDM फर्रुखाबाद की समन्वयक के नियुक्ति के तीसरे वर्ष ये फ़ाइल पूर्व जिलाधिकारी मिनिस्ती एस के पास नवीनीकरण के लिए भेजी गयी थी| (ज्ञात हो की संविदा कर्मी का हर साल नवीनीकरण अधिकतम एक साल के लिए होता है) विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी और तत्कालीन जिलाधिकारी ने जेएनआई को नवीनीकरण के सम्बन्ध में बताया था कि नीलू मिश्र एक गैर जिम्मेदार संविदा कर्मी है जिसके विरुद्ध प्राधिकरण ने भी कारवाही के लिए लिखा है लिहाजा नवीनीकरण नहीं किया जायेगा| उन्होंने ये भी बताया कि उन्होंने पत्रावली पर तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी को नीलू मिश्र की संविदा समाप्त करते हुए नए समन्वयक के चयन के लिए कारवाही करने के लिए लिखा है|

एक साल पहले फ़ाइल खोई दिखा कर नयी फ़ाइल तैयार की गयी और उसमे नीलू के विरुद्ध कड़ी कारवाही के कई पत्र गायब किये गए| उच्च अधिकारिओ के आदेशो की धज्जियाँ तो पूर्व बेसिक शिक्षा अधिकारी तक उड़ाते रहे| नौनिहालों को बटने वाले मिड डे मील की बुरी स्थिति से निपटने के लिए तैनात इन समन्वयको पर सरकार लाखो रुपये वार्षिक खर्च करती है| एक हजार रुपये प्रति माह खर्च करने के लिए मोबाइल खर्च भी देती है| मगर बच्चो की ध्यान देने की जगह ये समन्वयक साल भर अधिकारी तक को ठेंगा दिखा जनता की कमाई का धन लूटते रहे|
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नए जिलाधिकारी सेंफेल को पुनः MDM समन्वयक के नवीनीकरण की पत्रावली कई तथ्य छुपा कर भेजी गयी है| नवीनीकरण के लिए कई जोरदार सिफारश पैरवी में लगे हैं| इनकी पैरवी में वो दागी एनजीओ भी लगे हैं नो नगर क्षेत्र में MDM बनबाते है और जिनके विरुद्ध कारवाही के लिए प्राधिकरण पहले भी लिख चुका है| यहाँ ये भी याद दिला दे कि नए NGO के चयन की फ़ाइल पिछले तीन माह से मुख्य विकास अधिकारी अपनी अलमारी में बंद किये हैं| पूरे उत्तर प्रदेश में एक दूसरे अधिकारिओ के पत्रों पर कारवाही न करने पर सूबे की मुखिया मायावती भी चिंता जता चुकी हैं| यही कारण है भ्रष्टाचार के पेड़ में लगने वाले फल खाकर सभी मौन हो जाते हैं|

जे एन आई के पास कुछ ऐसे दस्तावेज है जो इन सब कारगुजारिओं का खुलासा करते हैं, इन पत्रों को देखने के बाद शायद कुछ और कहने को रह नहीं जाता| इस सम्बन्ध में बेसिक शिक्षा अधिकारी फरारुखाबाद से उनके सरकारी मोबाइल पर कई बार सम्पर्क किया गया मगर उन्होंने जबाब देना मुनासिव न समझा|

तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी आर एस पी त्रिपाठी द्वारा नीलू मिश्र MDM समन्वयक के विरुद्ध लिखा गया आरोप पत्र/ चेतावनी पत्र

मुख्यमंत्री को भेजी गयी फर्जी सूचना का पत्र

अपर निदेशक मध्याह भोजन प्राधिकरण उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा काम के प्रति लापरवाही और ३०० से ज्यादा स्कूलों में खाना न बनने पर नीलू मिश्र MDM समन्वयक के विरुद्ध लिखा गया वेतन कटौती का आदेश

अपर निदेशक मध्याह भोजन प्राधिकरण उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा काम के प्रति लापरवाही और फर्जी डाटा भरने पर दुबारा नीलू मिश्र MDM समन्वयक के विरुद्ध लिखा गया 10 दिन की वेतन कटौती का आदेश