फर्रुखाबाद: नगर के टाउनहाल स्थित हजरात बाबा सैय्यद कुदरत उल्लाह शाह का सालाना उर्स धूमधाम के साथ मनाया गया। ईदमिलादुन्नवी में शहर काजी मुताहिर अली और सलीम वारसी ने लोगों को रसूल की सीरत पर अमल करने की ताकीद की। उन्होनें कहा कि हमारे रसूल के बारे में खुदा नें कुरान में फरमाया है कि वह सारी दुनिया के लिए रहमत है। सांयकाल चादर का जुलूस अस्तबल तराई से उठाया गया। असफारब भारती उर्फ दर्द कब्बाल ने कब्बाली गाकर चादर उठाई। दरगाह पहुंचकर चादरपोशी की गई।
रात को नौचंदी जुमेरात में महफिले शंमा आयोजित की गई। जिसमें अलीगढ़ के मसहूर कब्बाल मोहम्मद अकरम बक्श वारसी ने कलाम पढ़ा- तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पढे़गी, मोहब्बत की राहों में आकर के देखों। दूसरे कलाम में पढ़ा- बेशक वो किस्मत का धनी है। जिस पर माॅ का साया है। जिसने की माॅ बाप की सेवा उसने रव को पाया। असभारत भारती दर्द कब्बाल ने भी कलाम पढ़कर लोगों को झूमनें पर मजबूर कर दिया। सुबह कुल व फातिया के बाद उर्स का समापन हुआ। अकीदत मंदो ने तब्बरुक तक्सीम किया गया। इस मौके पर उर्स के खादिम आशोक कुमार कश्यप सलीम वारसी अरविंद कुमार ,सलमान खांन,रोहित कुमार,इशरार हुसैन,रजत कश्यप,अशलम शेर खां,रामू एड0 व नूर मोहम्मद हजारों अकीदत मंद मौजूद रहे।