गबन के आरोपी पर कार्रवाई के नाम पर बगलें झांकते अधिकारी

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फर्रुखाबाद, उपभोक्ताओं से लगभग 10 लाख रुपये के गबन के आरोपी कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई के विषय में प्रबंध निदेशक द्वारा पूछे जाने पर विद्युत विभाग के अधिकारी बगलें झांकने लगे। वसूली में पिछड़े अधिकारियों और कर्चारिरयों की एमडी ने जमकर क्लास लगाई। जाते-जाते वसूली के लिये संविदा कर्मी लगाने और वाहन किराये पर लेने की अनुमति भी दे गये।
दक्षिणांचल विद्युत निगम के प्रबंध निदेशक डी. प्रसाद ने मंगलवार को यहां एक होटल में विद्युत विभाग के अधिकारियों की बैठक कर राजस्व वसूली की समीक्षा की। श्री प्रसाद ने बताया कि फर्रुखाबाद वृत के दोनों जनपद फर्रुखाबाद व कन्नौज वसूली में काफी पीछे चल रहे हैं। इसमें मुख्य रूप से अधिकारियों के बीच तालमेल का अभाव सपष्ट रूप से नजर आ रही है। मीडिया कर्मियो द्वारा गबन के आरोपी कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई का प्रश्न उठाया तो सामने बैठे अधिकारियों ने पहले तो एमडी को गुमराह करने का प्रयास किया परंतु जब उन्होंने बिंदुवार चार्ज शीट और जांच अधिकारी के बारे में पूछा तो सभी अधिकारी बगलें झांकते नजर आये। हद तो यह है के सम्बंधित अधिशासी अधिकारी तक को नहीं मालूम कि चार्जशीट कहाँ है| आखिर एमडी ने मुख्य अभियंता को स्वयं इस मामले को देखने को कहा। इस अवसर पर मुख्य अभियंता राजेंद्र प्रसाद व एमडी के स्टाफ आफीसर एसएस प्रसाद भी साथ रहे।

श्री प्रसाद ने बताया कि अधिकारियों को लक्ष्य प्राप्त करने के निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिये अतिरिक्त कर्मचारियों को लगाने और आवश्यकतानुसार वाहन लगाने की अनुमति दे दी गयी है। उन्होंने बताया कि फिलहाल ग्रामीण क्षेत्र में निजी नलकूपों और घरेलू कनेक्शनों के बकाया बिलों पर सरचार्ज में 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।

ढिटाई:एक पोल के इंतजार में शहर दो वर्ष से ओवरलोड

फर्रुखाबाद, विद्युत विभाग की लापरवाही या ढिटाई के कारण शहर दो बर्ष से ओवरलोडिंग झेल रहा है। मंगलवार को विद्युत विभाग के प्रबंध निदेशक के समाने मामला उठने पर मुख्य अभियंता ने एक सप्ताह में लाइन चालू कराने का आश्वासन दिया। विदित है कि नगर क्षेत्र की सीमा पर बने जसमई विद्युत उपकेंद्र को नगर क्षेत्र से जोड़ने के लिये मात्र लाइन डाली जानी है। लगभग दो वर्ष पूर्व इस प्रोजेक्ट की मंजूरी मिली थी। पहले चरण में तो विद्युत लाइन को रेलवे लाइन के नीचे से निकालने की अनुमित देने में ही रेल विभाग ने एक वर्ष लगा दिया। इस अनुमति आने के एक वर्ष बाद भी विद्युत विभाग आज तक यह लाइन पूरी नहीं कर सका है। शेष दूरी को तय करने के लिये एक 13 पोल की लाइन बननी है। इसके लिये 12 पोल तो तत्कालीन अधिशासी अभियंता आरपी दिवाकर ही लगवाचुके थे। परंतु आज तक यह लाइन पूरी नहीं हुई है। मंगलवार को प्रबंध निदेशक के सामने मामला उठने पर उन्होंने अधिकारियों के सामने ही एक सप्ताह में लाइन प्रारंभ कराने का आश्चासन दिया। उन्होंने बताया कि भोलेपुर का नया विद्युत उपकेंद्र भी इसी माह चालू हो जायेगा।