लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मुख्य सूचना आयुक्त के पद की दौड़ में शामिल होने वाले प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश (ओपी) सिंह 31 जनवरी को सेवानिवृत होंगे। यह तय हो गया है कि उनको सेवा विस्तार नहीं मिलेगा। उत्तर प्रदेश से आधा दर्जन से अधिक नाम डीजीपी की दौड़ में शामिल हैं। इनकी सूची केंद्र के पास भेजी गई है।
करीब दो वर्ष से पुलिस विभाग के मुखिया के पद पर तैनात प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह को सेवा विस्तार नहीं दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश के नये डीजीपी को लेकर गृह विभाग से कवायद शुरू हो गई है। शासन ने सात नाम केंद्र पैनल के पास भेजा है। वरिष्ठता में शीर्ष पर डीजी विजिलेंस एचसी अवस्थी हैं। इनके साथ ही डीजी जेल आनंद कुमार तथा कई दावेदारों भी ताल ठोंक रहे हैं। डीजीपी की रेस में सबसे आगे 1985 बैच के आईपीएस हितेश चंद्र अवस्थी का नाम चल रहा है। हितेश चंद्र अवस्थी वर्तमान में सतर्कता अधिष्ठान के निदेशक पद पर कार्यरत हैं और वह जून 2021 में सेवानिवृत्त होंगे। वह करीब 14 वर्ष तक सीबीआई में भी तैनात रहे हैं। इनके साथ ही अरुण कुमार भी दौड़ में हैं। 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी अरुण कुमार भी जून 2021 में सेवानिवृत्त होंगे। यूपी एसटीएफ के गठन में अहम भूमिका निभाने वाले अरुण कुमार समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर रह चुके हैं। 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों के बाद तत्कालीन अखिलेश सरकार ने अरुण कुमार को उनके पद से हटा दिया था। अरुण कुमार डीजी आरपीएफ के पद पर तैनात हैं। इनके अलावा वर्तमान में उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (डीजी इकनॉमिक ऑफेंसेज विंग) के महानिदेशक पद पर तैनात, 1987 बैच के आईपीएस अफसर राजेंद्र पाल सिंह का नाम भी यूपी के डीजीपी बनने की रेस में है। आरपी सिंह फरवरी 2023 में रिटायर होंगे।
आरपी सिंह के पास वर्तमान में ईओडब्ल्यू के अलावा एसआईटी का भी चार्ज है। इस समय यूपीपीसीएल पीएफ घोटाले की जांच भी उन्हीं के नेतृत्व में हो रही है। आरके विश्वकर्मा और आनंद कुमार का नाम भी डीजीपी की चर्चा में है। 1988 बैच के आरके विश्वकर्मा उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड के डीजी पद पर तैनात हैं। विश्वकर्मा की गिनती भी तेजतर्रार आईपीएस अफसरों में की जाती है। 1988 बैच के आईपीएस डीजी जेल, आनंद कुमार का नाम भी यूपी के डीपीजी बनने की चर्चा में शामिल है। योगी आदित्यनाथ सरकार में आनंद कुमार लंबे समय तक एडीजी लॉ एंड ऑर्डर पद पर तैनात थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आनंद कुमार को जेलों में चल रही अराजकता से निपटने के लिए उन्हें डीजी जेल की जिम्मेदारी सौंपी है। आनंद कुमार के पास डीजी जेल के साथ डीजी होमगार्ड डिपार्टमेंट का अतिरिक्त प्रभार भी है।ओपी सिंह ने डीजीपी सुलखान सिंह के सेवानिवृत्त होने के बाद 31 दिसंबर 2017 को यह पद संभाला था। ओपी सिंह 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह डीजी सीआईएसएफ के पद पर भी रह चुके हैं।