फर्रुखाबाद: अभी कन्नौज में विमल बस सर्विस में जिंदा से राख बने लोगों का अंतिम संस्कार भी ठीक से नही हो पाया और बहुत से लोगों को तो अभी यह भी नही पता की उनके परिजन जिंदा भी है या नही| लेकिन डग्गामार अपने पैर फिर से पसारते नजर आ गये| जो चर्चा का विषय बना है| सबाल है है कि जिम्मेदार प्रशासन की क्या यही सख्ती और कार्यवाही है जो राष्ट्रीय और प्रदेशीय परमिट के नाम पर मौत का सफर कराने की अनुमति दे रहा है| कुछ के पास परमिट भी नही है| लेकिन जिससे जिम्मेदार से पूंछो वह खुद को दूध का धुला हुआ बताकर पल्ला झाड ले रहा है|
बुधवार को जेएनआई टीम नें जब लाल दरबाजे और कादरी गेट क्षेत्र का दौरा किया तो पता चला की फर्रुखाबाद से हरदोई-हरपालपुर की तरफ सबारियां ले जाने वाली बसें सीना तानकर खड़ी नजर आयी मानो वह व्यवस्था को चुनौती दे रही है| बेरोंक-टोंक सबारियां भरी जा रही थी| एक बस कर्मी से से जब जानकारी ली तो वह बोला सब चलेगा कुछ दिन बाद सब अपने पुराने सिस्टम पर आ जायेगा| बस भाटी गये और त्रिपाठी आ गये है अंतर इनता है|
फिलहाल अभी विमल का भी पुलिस पता नही लगा पायी| पता लगा नही पायी या लगाना नही चाहती| यदि इतना भारी भरकम आदमी पुलिस नही तलाश पा रही तो पुलिस अपनी पीठ ना ठोंके|
यातायात प्रभारी देवेश कुमार ने बताया कि उन्होंने बुधवार को नवाबगंज मार्ग पर अभियान चलाकर कई डग्गामार सीज किये| कादरी गेट पर भी अभियान चलेगा|