फर्रुखाबाद: बीते दिन मासूम नवजात को अस्पताल के आपरेशन कक्ष से कुत्ते द्वारा उठा ले जाने की घटना शायद देश में पहली ही होगी| जिससे हर किसी को भीतर से झकझोर कर रख दिया| लापरवाही जितनी अस्पताल के संचालकों की है उतनी ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की| जब घटना हुई तो उन्हें पता चला की अस्पताल बिना पंजीकरण के अबैध रूप से चल रहा था| अभी तक विभाग आँखों पर पट्टी बांधे बैठा था| अपना गला फंसा नजर आया तो अस्पताल भी अबैध हो गया|
बीती रात खबर का प्रकाशन होने के बाद खुद सीएमओ डॉ० चन्द्र शेखर, प्रभारी नगर मजिस्ट्रेट सुनील यादव, एसीएमओ डॉ९ राजवीर शाक्य आदि ने अस्पताल तो सीज कर दिया और देर रात कोतवाली पुलिस को तहरीर भी दी| तहरीर एसीएमओ डॉ० राजवीर नें दी| जिनके पास अस्पतालों का चार्ज है| तहरीर में कहा है कि लोहिया अस्पताल के सामने आकाश गंगा अस्पताल का निरीक्षण किया तो पता चला अस्पताल में मरीज भर्ती है| जिसका पंजीकरण सीएमओ कार्यालय में नही है| मौके पर कोई प्रशिक्षित चिकित्सक अथवा कर्मी नही मिला| निरीक्षण में पाया गया कि आकास गंगा हास्पिटल आवास विकास में अप्रशिक्षित द्वारा अबैध रूप से चलाया जा रहा था|
अस्पताल संचालन शासन प्रशासन के को धोड़ा दे रहे थे| उन्होंने इंडियन मेडिकल कौंसिल एक्ट और धोखाधड़ी की धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज होनें की तहरीर दी| पुलिस नें मुकदमा दर्ज कर लिया|
एसीएमओ डॉ० राजवीर नें जेएआई को बताया कि जनपद में कुल 113 हास्पिटल पंजीकृत है| कभी हो जाता है कि कोई अस्पताल नजर में ना आये| लेकिन अबैध अस्पताल किसी भी कीमत में संचालित नही होंगे|