फर्रुखाबाद: श्रीरामलीला मंडल के द्वारा चलरही रामलीला मंचन में रोचक, मार्मिक और हृदय विदारक द्रश्यों का मंचन किया गया। जिसके जरिए कलाकारों ने दर्शकों की खूब प्रशंसा बटोरी।वही प्रभु श्रीराम की खडाऊ लेकर अयोध्या लौटे भरत का मंचन खूब सराहा गया|
गुरुवार रात में हुई रामलीला में श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण को वापस अयोध्या लाने के लिए भरत वन की ओर प्रस्थान करते हैं। जैसे ही लक्ष्मण को इस बात की सूचना मिलती है तो वे क्रोधित हो जाते हैं। प्रभु श्रीराम लक्ष्मण को शांत करते हैं। भरत वन में पहुंचते ही क्षमा याचना के लिए श्रीराम के चरणों में गिर जाते हैं। अपनी माता द्वारा की गई गलती को सुधारने के लिए श्रीराम को अयोध्या वापस चलकर राजगद्दी को संभालने का अनुरोध करने लगते हैं। उधर, श्रीराम पिता की आज्ञा को अपना धर्म मानते हुए और रघुकुल रीति की बात कहते हुए वापस लौटने से इंकार कर देते हैं। साथ ही भरत को ढांढस बंधाते हैं। इसके बाद भरत प्रभु श्रीराम की खडाऊ लेकर अयोध्या वापस लौट जाते हैं।
इसके साथ ही इंद्र के पुत्र जयंत ने कौआ बनकर सीताजी के चरणों में प्रहार किया| जिसके बाद श्रीराम के बाण के प्रहार से बचने के लिए इंद्रलोक, ब्रह्मलोक, शिवलोक भागता फिरा, कही जान बचती ना देख श्रीराम की शरण में आ गया| जिसके बाद उसे एक नयन कर दिया| इसके साथ सुर्पनखा व खर-दूषण आदि का प्रसंग का मनोहारी मंचन किया गया| श्रीराम विविध कला केंद्र के निर्देशक मटर लाल दुबे के नेतृत्व में कलाकारों नें मंचन किया|