लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज उत्तर प्रदेश को लेकर बड़ा फैसला किया है। उन्होंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को छोड़कर प्रदेश की कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी कार्यालय में अखिलेश यादव और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की भेंट से प्रदेश की राजनैतिक सरगर्मी को तेज कर दिया है।
भाजपा तथा प्रदेश सरकार के खिलाफ लगातार बयान देने वाले ओमप्रकाश राजभर को लोकसभा चुनाव के बाद योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था। उसके बाद से आज पहली बार ओमप्रकाश राजभर ने बड़ा कदम उठाया है।
उत्तर प्रदेश में 13 विधानसभा सीट पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव से पहले ओमप्रकाश राजभर और अखिलेश यादव के बीच लंबी वार्ता के बाद कयास लगाया जा रहा है कि दोनों पार्टी उप चुनाव में गठबंधन कर सकती हैं। इनके बीच भेंट के दौरान काफी देर तक समाजवादी पार्टी कार्यालय में बड़ी हलचल रही। माना जा रहा है कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अब समाजवादी पार्टी के साथ आ सकती है। ओमप्रकाश राजभर पहले भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। पार्टी से मतभेदों के चलते उनको हटा दिया गया था। अब विधानसभा उपचुनाव में सपा के साथ एसबीएसपी मिलकर चुनाव लड़ सकती है।
दोनों को थी नए ठौर की तलाश
लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन कर मैदान में उतरने वाली समाजवादी पार्टी को बड़ा लाभ नहीं हो सका। बहुजन समाज पार्टी ने तो दस सीट जीत ली जबकि समाजवादी पार्टी को पांच सीट मिली थी। समाजवादी पार्टी से उतरे मुलायम सिंह यादव परिवार के तीन सदस्य पार्टी अध्यक्ष की पत्नी डिंपल यादव के साथ अक्षय यादव तथा धर्मेंद्र यादव भी चुनाव हार गए। बसपा को इस बार बड़ा लाभ हुआ। 2014 में लोकसभा में इनका एक भी सदस्य नहीं था जबकि 2019 में दस ने जीत दर्ज की। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने 2017 में भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा था। इसके बाद ओमप्रकाश राजभर को प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया। लोकसभा चुनाव में उतरने की तैयारी में लगी एसबीएसपी को भाजपा ने एक भी सीट नहीं थी। इसी के बाद से इनके बीच तनाव बढ़ा और फिर लोकसभा चुनाव के बाद ओमप्रकाश राजभर को योगी आदित्यनाथ सरकार से बर्खास्त कर दिया गया। अब समाजवादी पार्टी के साथ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के बीच गठबंधन की संभावना तेज है।
यूपी अध्यक्ष को छोड़ सपा की प्रदेश की सारी इकाइयां कीं भंग
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी ने तत्काल प्रभाव से प्रदेश अध्यक्ष श्री नरेश उत्तम पटेल को छोड़कर, समाजवादी पार्टी की राज्य एवं ज़िला कार्यकारिणी सभी प्रकोष्ठ सहित भंग कर दी है। लोकसभा चुनाव के परिणाम आने से तीन महीने बाद और विधानसभा उप चुनाव की आहट के बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को बड़ा फैसला किया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी की सभी कार्यकारिणी को भंग कर दिया है।
अखिलेश यादव ने पदाधिकारियों के साथ बैठक करके प्रदेश की सभी यूथ और जिला इकाइयां भंग कर दी हैं। प्रदेश अध्यक्ष के पद को छोड़कर अखिलेश ने सभी के पद खत्म कर दिए हैं। अब नए सिरे से पार्टी नए लोगों को जिम्मेदारी देने की तैयारी कर रही है। फिलहाल यह बदलाव अभी प्रदेश स्तर पर किया गया है। माना जा रहा है कि अब जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर भी पार्टी में बड़े बदलाव हो सकते हैं। पार्टी में नए सिरे से प्रदेश के अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष और प्रवक्ता समेत अन्य पदाधिकारी चुने जाएंगे।
उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर पार्टी अध्यक्ष कड़ी तैयारी कर रहे हैं। प्रदेश में कुछ दिनों में ही 13 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने हैं। इसी के मद्देनजर पार्टी की इकाइयां भंग की गई हैं। बताया जा रहा है कि उपचुनाव के समीकरणों को देखते हुए समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों को चुना जाएगा। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश कार्यकारिणी, जिला कार्यकारी व युवा समेत अन्य कार्यकारिणी भंग कर दी हैं। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम को उनके पद पर बनाए रखा है।
लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आते ही अखिलेश यादव ने सबसे पहले प्रवक्ता का पैनल भंग कर दिया था। प्रवक्ताओं को निर्देश जारी किए गए थे कि कोई भी मीडिया में पार्टी की तरफ से कोई भी अधिकृत बयान जारी नहीं करेगा। हर किसी को मीडिया से दूर रहने की हिदायत दी गई थी। तब से पार्टी में प्रवक्ताओं का पैनल भंग चल रहा है।