पुस्तक खरीद: कमीशन को बेसिक शिक्षा के अधिकारियों में खींचतान

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फर्रुखाबाद, बेसिक क्षिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों में पुस्तकालयों की स्थाना के लिये किताबों की खरीद में प्रकाशकों और बिचौलियों से मोटे कमीशन के चक्कर में मानकों की अनदेखी कर रहे शिक्षा विभाग के अधिकारियों में ही खींचतान शुरू हो गयी है। चालाक बिचौलिया कमीशन की हडडी फेंक कर अब दूर खड़ तमाशा देखने की मुद्रा में है।

विदित है कि शासन की ओर से परिषदीय विद्यालयों में बच्चों के लिये रुचिकर व स्तरीय पुस्तकों की खरीद के लिये प्रकाशक निर्धारित कर दिये थे। इसके बावजूद जनपद स्तर पर अधिकारियों ने पहले तो उपलब्धता और वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर बजट लेप्स हो जाने की की दुहाई देकर अमानक पुस्तकों की खरीद का रास्ता स्वयं खोल दिया। पुस्तकों की आपूर्ति करने वाला बिचौलिया काफी चालाक था। सो उसने बाद में ब्लाक स्तर पर कुछ कनिष्ठ अधिकारियों से सीधे सेटिंग कर ली और उनको भी बड़े अधिकारियों को सीधे माल पहुंचा देने की बात कह कर टरखा दिया। अब स्थति यह है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों में ही खींचतान मची हुई है। मजे की बात है कि इस लूट खसोट में कोई भी संबंधित बिचौलिये के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने की पहल नहीं करना चाहता है।

जिला समंवयक सूनील आर्या यह कह कर पल्ला झाड लेते हैं कि खरीद ग्राम शिक्षा समिति को करनी थी। पैस उन्हीं के खातों में भेजा गया था। जबकि स्तिथि यह है कि शिक्षा समिति का सचिब प्रधानाधयापक होता है, और वह सीधे अपने अधिकारियों के कहने पर ही स्याह सफेद करता है। ग्राम प्रधान तो आज भी रबर स्टैम्प ही है। ग्राम प्रधान को तो मध्याह्न भोजन की मोटी कमाई से ही मतलब है। उसमें छात्र संख्या पूरी आती रहे फिर चाहे मास्टर साहब जो चाहें सो करें।