फर्रुखाबाद: कमोवेश हकीकत एक जैसी हो सकती है| फर्रुखाबाद जनपद की जिस ग्राम पंचायत के विकास कार्यो का लबादा उतार दो, अन्दर एक जैसी व्यवस्था ही नजर आती है| भ्रष्टाचार और सरकारी धन की लूटपाट से लबरेज ग्राम पंचायत समितियां संभाल रहे प्रधान, ग्राम सचिव और उन पर निगरानी करने वाले अफसर खूब मालामाल हुए| जनपद के ब्लाको के अधिकतर ग्राम पंचायतो में शौचालय के रूप में दी गयी सरकारी इमदाद को ग्राम पंचायत में खूब लूटा गया है| सरकारी वेबसाइट पर आंकड़े कुछ और हकीकत कुछ और| नवाबगंज की गुठिना ग्राम पंचायत में पिछले दिनों जाँच में 100 से ज्यादा शौचालय गायब मिले थे अब नया मामला उस ग्राम पंचायत का आया है जिस ग्राम पंचायत को नगर पंचायत का दर्जा मिलना है| नवाबगंज ब्लाक की गनीपुर जोगपुर ग्राम पंचायत|
जिले की जो ग्राम पंचायते ओडीऍफ़ घोषित कर अफसरों ने प्रदेश में वाहवाही लूटने की कोशिश की है उसमे नवाबगंज ब्लाक की ग्राम पंचायत गनीपुर जोगपुर भी शामिल है| जिस जगह को आम जनता नवाबगंज कहती है उसमे ही सबसे बड़ा भाग गनीपुर जोगपुर ग्राम पंचायत है| नगर का रूप ले रही ये ग्राम पंचायत पर बड़ा बाजार है| आसपास के ग्राम पंचायत के गरीब और आम आदमी यहाँ बाजार में व्यापार करने के लिए आकर बस गए| पंचायत का चुनाव जीतने के लिए प्रधानी के चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों ने उन्हें यहाँ का वाशिंदा बताकर ग्राम पंचायत की वोटर सूची में भी शामिल कराया मगर जब उन्हें विकास योजनाओ का लाभ देने का नंबर आया तो “भैंस सहित खोया” (मुहावरा- भ्रष्टाचार करना) कर बैठे|
इन गरीब और आम जनता की बस्तियों में न तो ढंग की गली सड़क है और न ही शौचालय बने या दिए गए| कसबे का रूप ले रही इस ग्राम पंचायत में ज्यादातर छोटा मोटा रेड़ी ठेली लगाकर रोजगार करने वालो से लेकर तमाम नौकरी पेशा के लोग भी रहते है| एक सार्वजानिक शौचालय भर सैकड़ो घरो का काम चल जाता| मगर इन बस्तियों के लिए प्रधान, ग्राम सचिवो और खंड विकास अधिकारियो के लिए आंखे बंद रही| हाँ जब जब जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी को ओडीऍफ़ घोषित करने के लिए आंकड़ो की जरुरत पड़ी उन्हें पूरे दिखाए गए|
कोई अफसर ब्लाक पर निवास नहीं करता-
पिछले दिनों मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने एक पत्र जारी कर खंड विकास अधिकारियो और ग्राम पंचायत सचिवो को उनके तैनाती क्षेत्र में निवास करने के लिए सरकारी आदेश का हवाला देकर पत्र जारी किया था| कोई न गया| शायद जाता और रहता तो ये तस्वीर जो हम प्रकाशित कर रहे है उनसे रूबरू होता| मगर ऐसा नहीं हुआ और न होने की सम्भावना| चूँकि सरकारी नौकरी में जनता की सेवा की जगह खुद का रुतबा ग़ालिब रखना अब एक मात्र उद्देश्य बन गया है| देश के बड़े भ्रष्टाचार का हवाला देकर अपना ढकने का मन्त्र जो चल गया है|
प्रकाशित तस्वीरे नवाबगंज कसबे की आबादी की है| ये नया गनीपुर जोगपुर कहलाता है| यहाँ सुबह और शाम ऐसी ही बहन बेटियों और मर्दों को खेतो और सड़क किनारे जाकर ओडीऍफ़ को आइना दिखाने की मजबूरी है| ये तब है जब इस जिले में एक महिला जिलाधिकारी है, एक महिला मुख्य विकास अधिकारी थी और अब एक तेज तर्रार मुख्य विकास अधिकारी है| इसी ब्लाक की ग्राम पंचायत गुठिना में एक सप्ताह पहले जब एक ग्रामीण की IVRS की पांचवी शिकायत पर रिटायर होने जा रहे एडीओ पंचायत जाँच करने के लिए वाध्य किये गए तो एक सैकड़ा से अधिक शौचालय लापता थे और जो बने थे उनमे ज्यादातर में एक गड्डा था या छत गायब थी, दरवाजे नहीं थे आदि आदि…| नतीजा अभी तक नहीं मिला है| इसके लिए जिम्मेदार रहे ग्राम पंचायत अधिकारियो ने क्या घुट्टी पिलाई ये IVRS पर की गयी शिकायत का परिणाम आने के बाद मिलेगी| मगर हालात ठीक नहीं है| हाँ एक बात जो अत्यंत गौर करने लायक है वो ये कि ये तस्वीरे नवाबगंज ब्लाक दफ्तर के बगल की ही है…..