फर्रुखाबाद:(ब्यूरो) जनपद में गुंडागर्दी बढ़ गई है। इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि लगातार पुलिस वालों से मारपीट की घटनाएं हो रही हैं। लोग खाकी वर्दी वालों पर हाथ उठाने से भी नहीं डर रहे हैं। 11 दिन के भीतर पुलिस वालों की पिटाई की आधा दर्घजन टनाएं हो चुकी हैं। पुलिस की पिटाई की लगातार हो रही घटनाओं का मामला चर्चा का विषय भी बना हुआ है। पुलिस विभाग के कुछ अधिकारी खुद मानते हैं कि अब पहले जैसे पुलिसिंग नहीं रही। अपराधियों से धीरे-धीरे पुलिस का खौफ खत्म होता जा रहा है। इसका कारण राजनीतिक और विभागीय दबाव है।
11 दिन में आधा दर्जन बार हुये खाकी पर हमले
तारीख 23 जुलाई- थाना क्षेत्र के ग्राम बर्नाखुर्द के हुए मारपीट के मामले में पुलिस ने एनसीआर दर्ज की थी|इसी मामले में राजपूताना चौकी इंचार्ज गजराज सिंह व सिपाही योगेश के साथ आरोपियों के घर जाँच करने गये थे|पुलिस को अपने घर पर आया देख आरोपियों के घर की महिलाएं और ग्रामीणों ने अचानक दरोगा व सिपाही के साथ मारपीट कर दी|घटना में पुलिस ने तीन को गिरफ्तार किया|
तारीख 20 जुलाई- शहर कोतवाली के ग्राम नारायनपुर निवासी संजय सिंह सीओ सिटी के यंहा फालोवर के पद पर तैनात है| उसने बीते चार दिन पहले एंटी रोमियों के सिपाही के साथ लाल दरवाजे बस अड्डे पर मारपीट कर दी| पुलिस ने उसे हिरासत में लिया|
तारीख 17 जुलाई- पडोसी जनपद शाहजंहापुर के मिर्ज़ापुर थाना क्षेत्र का गाँव इस्लामपुर में दबिश डालने गयी स्वाट टीम व शमसाबाद थाना पुलिस को ग्रामीणों ने जमकर पीटा और गाड़ी भी तोड़ दी| पुलिस को अपनी जान बचाने के लिये ताबड़तोड़ फायरिंग करनी पड़ी|
तारीख 16 जुलाई- शहर कोतवाली के आलू मंडी रोड सेन्ट्रल जेल चौराहे पर चीता मोबाइल के सिपाही पवन कुमार व अजीत कुमार के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया|
तारीख 11 जुलाई- कचेहरी परिसर के निकट हेड कांस्टेबल अशोक त्रिपाठी ने एसपी को तहरीर देकर अपने साथ लात-घूसों से हुई पिटाई की शिकायत की| लेकिन कार्यवाही नही हुई |
तारीख 25 जून- आवारा मबेशी पकड़ने गये पालिका कर्मियों की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट की घटना फतेहगढ़ क्षेत्र के मोहल्ला ग्वालटोली में की गयी| हालांकि इस मामले में पुलिस नें हाथापाई की पुष्टि नही की|
नहीं रही पहले जैसी पुलिसिंग
जिले से सेवानिवृत हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में पहले जैसी पुलिसिंग नहीं रही। राजनीतिक दबाव के चलते पुलिसिंग भी बदल गई है। इसी वजह से अपराधी भी पुलिस से डरते नहीं हैं और न ही पुलिस भी वैसी कार्रवाई करती है। अगर कोई अधिकारी दबंगई से कार्रवाई भी कर दे तो उस पर ऊपर से दबाव बनाया जाता है। इससे कार्रवाई करने वाले अधिकारी का भी मनोबल टूटता है। इसका प्रभाव पूरे स्टॉफ पर भी पड़ता है।
एसपी डॉ० अनिल कुमार मिश्रा का कहना है कि जिले में पुलिसिंग अच्छी है। कानून का सख्ती के साथ पालन किया जा रहा है। जो भी कानून को अपने हाथ में लेते है उन्हें बख्शा नहीं जा रहा है।