फर्रुखाबाद: हाईकोर्ट ने फतेहगढ़ बार एसोसिएशन के चुनाव को बहाल रखते हुए बार कौंसिल की चुनाव रद्द करने की याचिका ख़ारिज कर दी| सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि बार कौंसिल को चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है| कौंसिल चाहे तो नयी चुनाव याचिका डाल सकता है| इसी के साथ बार कौंसिल द्वारा फतेहगढ़ बार एसोसिएशन में चुनाव अधिकारियो को डिबार करने के आदेश भी निष्प्रभावी हो गए है|
हाई कोर्ट के जज प्रदीप कुमार सिंह बघेल और पियूष अग्रवाल की बेंच ने बार कौंसिल की 7 सितम्बर 2018 की याचिका को ख़ारिज करने की मांग पर सुनवाई करते हुए ये फैसला दिया| मामला बार एसोसिएशन फतेहगढ़ और बार कौंसिल उत्तर प्रदेश के बीच का था| इसमें बार कौंसिल ने फतेहगढ़ बार एसोसिएशन के चुनाव को अवैध मानते हुए चुनाव अधिकारी दीपक द्विवेदी, अनुपम दुबे, संजीव परिया सहित कुल 5 ओ वकीलों की लाइसेंस रद्द कर दी थी| जिस पर बार कौंसिल उत्तर प्रदेश के इस आदेश पर बाद में स्टे हो गया था|
मामले की सुनवाई करते हुए बार कौंसिल की तरफ से पेश अधिवक्ता अमित कुमार सिंह बार एसोसिएशन आजमगढ़ का तर्क देते हुए कहा कि मामले को कोई विवाद नहीं है और वे मानते है कि बार एसोसिएशन के चुनाव में बार कौंसिल का रोल केवल सलाह देने भर का है| बार कौंसिल को हस्तक्षेप करने या कोई आदेश देने का कोई अधिकार नहीं है|