फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश सरकार के सिचाई मंत्री के फरमान का जिला प्रशासन पर कोई फर्क नही पड़ा| दरअसल मंत्री धर्मपाल सिंह ने 15 जून तक ही सभी पोखर तालाब भरने के आदेश प्रदेश भर के जिलाधिकारियों को दिये थे| प्रदेश का तो पता नही लेकिन जिला स्तर पर तालाबों और पोखरों को भरने का काम नही किया गया|यंहा तक की जिले की ऐतिहासिक कुठला झील भी पानी ना होने पर दरारे छोड़ गयी है| झील में रहने वाले परिंदे बूंद-बूंद पानी ना मिलने से धीरे-धीरे मौत के आगोश में समाये जा रहे है| लेकिन कोई देखने वाला नही|
तहसील अमृतपुर मुख्यालय से बमुशिकल एक किलोमीटर दूर कुठला झील स्थित है| जो 4.650 हेक्टेयर में फैली हुई है| जिसमे विदेशी पक्षी स्टेटवर्ड, क्रेन, कुलन बैगटेल, व्हाइट साइबेरियन, स्पूनविल, नैटोगिल आदि पानी होने पर अपना डेरा जमा लेते थे| विदेशी मेहमानों के कलरव व चहचहाट से गूंजने वाली कुठला झील इस बार मौन है|विदेशी पक्षी तो झील में पानी ना होने के चलते अपने वतन लौटने को मजबूर हुए ही स्थानीय परिंदे भी एक-एक बूंद को तरस रहे है| पानी के आभाव से कई परिंदों की झील में ही कब्र बन गयी| दूर-दूर तक पानी की जगह केबल आसमान तरफ मुंह फाडे झील की दरारों वाला धरातल नजर आता है|
विकास के नाम पर पिछले वर्ष 35 लाख रूपये का वजट कुठला झील के विकास में लगना था| लेकिन फ़िलहाल अभी 20 लाख रूपये ही वजट खर्च हो सका| बीते 11 मई को मुख्य विकास अधिकारी डॉ० राजेन्द्र पैंसिया ने कुठला झील का निरीक्षण किया था| इसके साथ ही सीडीओ ने बीडीओ नजमा सिद्दीकी को झील की साफ़-सफाई के निर्देश दिये थे|
इस सम्बन्ध में बीडीओ नजमा सिद्दीकी ने बात करने प्रयास किया गया लेकिन उनका सरकारी फोन बंद था|