नई दिल्ली। केंद्र में प्रचंड बहुमत की सरकार बनाने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को संसदीय दल की कार्यकारी समिति का गठन किया। दिल्ली में हुई भाजपा संसदीय दल की बैठक के बाद कार्यकारी समिति के नामों का ऐलान किया गया। भाजपा संसदीय दल की कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकसभा में पार्टी का नेता चुना गया। वहीं, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लोकसभा में पार्टी का उपनेता चुना गया है। इनके अलावा राज्यसभा में थावर चंद गहलोत को पार्टी का नेता और पीयूष गोयल को उपनेता चुना गया। इस तरह लोकसभा में राजनाथ सिंह दूसरे नंबर के नेता होंगे। थावर चंद गहलोत राज्यसभा में अरुण जेटली और पीयूष गोयल केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की जगह लेंगे।
मंत्रालयों को दिए गए टारगेट गौरतलब है कि बंपर जनादेश के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार ने अपना कार्यभार संभाल लिया है। मंत्रियों के विभागों का बंटवारा भी हो चुका है और लगभग सभी मंत्रालय अपनी आगे की रणनीति को लेकर जुट चुके हैं। इससे पहले सोमवार को सभी मंत्रालयों के सचिवों की एक बैठक हुई, जिसमें सरकार की ओर से मंत्रालयों को दिए गए टारगेट की जानकारी दी गई। इसके बाद मंत्रालयों में आगामी कामकाज को लेकर तैयारी शुरू हो गई। इस बार मोदी सरकार में जिन योजनाओं पर खास फोकस किया है, उनमें देश के किसानों की आय दोगुनी करना और सबको पक्का घर देने की भी योजना प्रमुख रूप से शामिल है।
हर तीन महीने में समीक्षा करेंगे मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोमवार को मंत्रालयों के सचिवों के साथ हुई बैठक के बाद सभी विभागों में आगे की रणनीति को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। इसके बाद मंगलवार को कृषि मंत्रालय के अधिकारी अपने विभाग के मंत्रियों को प्रेजेंटेशन देते रहे कि खेती-किसानी को कैसे आसान बनाया जाएगा। किसानों की आय कैसे बढ़ेगी। ऐसे ही दूसरे मंत्रालयों में भी माथापच्ची का दौर चलता रहा। टारगेट तय करके उस पर काम करने का रोडमैप बनता रहा। इसके पीछे मुख्य वजह है कि पीएम मोदी खुद इस बार कॉरपोरेट स्टाइल में काम कर रहे हैं, हर तीन महीने में अपने मंत्रियों के काम की समीक्षा करेंगे। मंत्रियों को रिजल्ट देना है, ऐसा नहीं करने पर उनकी छुट्टी भी हो सकती है।
कई योजनाओं को 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य जानकारी के मुताबिक, जहां एक ओर अलग-अलग मंत्रालयों में आगे की रणनीति को लेकर योजनाएं बनाई जा रही हैं, दूसरी ओर प्रधानमंत्री कार्यालय भी रोज के कामकाज के आधार पर मंत्रालयों के प्रदर्शन की रिपोर्ट तैयार करेगा, जिससे ये साफ हो सके कि जनता के लिए जो योजनाएं तैयार की जा रही हैं उसका लाभ क्या जरूरतमंद लोगों तक पहुंच रहा है। यही नहीं खुद प्रधानमंत्री मोदी की नजर उन मंत्रालयों पर है जिन पर 2022 तक अहम योजनाओं को जमीन पर उतारकर जनता को लाभ देने की जिम्मेदारी है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बड़ी योजनाओं को 2022 तक ही पूरा करने का लक्ष्य रखा है।