लोकसभा चुनाव 2019 में खर्च हुए 60 हजार करोड़ रुपये, पार्टियों ने प्रचार में लगाए 25 हजार करोड़ रुपये

FARRUKHABAD NEWS

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 को भारत का सबसे महंगा चुनाव बताया जा रहा है। एक अध्ययन के मुताबिक इस चुनाव में 55 हजार करोड़ रुपये से लेकर 60 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए। बीजेपी ने कुल खर्च का लगभग 45 फीसदी चुनाव में लगाया। इस बार लोकसभा चुनाव 7 चरण में संपंन्न किए गए थे। ये चुनाव 75 दिन तक खींचे थे। लोकसभा चुनाव 2019 में खर्च का ये आंकड़ा सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज ने बताया है।
सेंटर फॉर मीडिया स्टटडी (सीएमएस) की स्टडी के अनुसार इस चुनाव में साल 2014 के आम चुनाव की अपेक्षा दुगुना रुपया खर्च हुआ है। सीएमएस के मुताबिक इस बार हर सीट पर करीब सौ करोड़ रुपये खर्च किए गए। लोकसभा चुनाव में हर वोटर पर खर्च 700 रुपये आया। कुछ सीटों पर एक उम्मीदवार ने 40 करोड़ रुपये तक खर्च किए। कर्नाटक में मांड्या, कलबुर्गी और शिमोगा, उत्तर प्रदेश में अमेठी, महाराष्ट्र में बारामती और केरल में तिरुवनंतपुरम सहित कुछ देश में ऐसी 75 से 85 सीटें है।
पार्टियों ने खर्च किए 20,000 से 25,000 करोड़ सीएमएस की रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 12,000 से 15,000 करोड़ रुपये 20 से 25 फीसदी वोटरों पर खर्च किए गए। चुनाव प्रचार में पार्टियों ने करीब 20,000 से 25,000 करोड़ रुपये खर्च किए। वहीं लॉजिस्टिक पर 5 हजार से 6 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए। इसके अलावा 3 से 6 हजार करोड़ रुपये अन्य मदों पर भी खर्च हुए। चुनाव आयोग ने करीब 12 हजार करोड़ रुपए खर्च किए। वोटरों को मिला जमकर नकद सीएमएस की रिपोर्टे के मुताबिक औपचारिक चुनाव प्रचार में करीब 10,000 से 12,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इसकी अनुमति चुनाव आयोग ने दी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 से 12 फीसदी मतदाताओं ने सीधे नकद प्राप्त करने की बात स्वीकार की, जबकि लगभग 66 फीसदी लोगों ने कहा कि उनके आसपास के मतदाताओं को भी नकद प्राप्त हुआ।