लोकसभा चुनाव 2019 में करारी शिकस्त मिलने के बाद विपक्षी खेमों में हड़कंप मचा है. कांग्रेस में इस्तीफों की झड़ी लग गई है तो वहीं देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में सिर्फ 5 सीटों पर सिमटने वाली समाजवादी पार्टी भी अब एक्शन लेने को तैयार है. सोमवार को समाजवादी पार्टी ने चुनावी हार पर मंथन किया. जिसमें सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने पार्टी पदाधिकारियों को लापरवाही, जनता की नब्ज पकड़ने में नाकाम रहने के लिए खूब लताड़ लगाई. इस बैठक में सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत पार्टी के कई बड़े नेता शामिल हुए.
अखिलेश यादव ने पार्टी के सभी पदाधिकारियों से बात कर हार के कारणों की पूरी रिपोर्ट मांगी है. पदाधिकारियों को लताड़ लगाने के बाद मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव से भी अलग से बात की.
बैठक में चर्चा जोरों पर रही कि प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम को हटाया जा सकता है. उनकी जगह ओमप्रकाश को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा भी रही, हालांकि अखिलेश ने इस मामले में कोई फैसला नहीं किया.
सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव संगठन में आमूल-चूल बदलाव लाने के मूड में हैं. अभी हर किसी की रिपोर्ट का इंतजार है, ऐसे में उसके बाद ही बड़ा एक्शन हो सकता है.
बताया जा रहा है कि हार से खफा अखिलेश यादव पार्टी के यूथ विंग में कुछ नेताओं की छुट्टी कर सकते हैं. जल्द ही नए प्रभारियों, संगठन अधिकारियों को नियुक्त किया जा सकता है. अखिलेश ने हाल ही में अपनी पार्टी के प्रवक्ताओं के पैनल को बर्खास्त कर दिया था और किसी भी टीवी डिबेट्स में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी थी.
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में इस बार समाजवादी पार्टी ने बहुजन समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. 25 साल की दुश्मनी भुला दोनों पार्टियां साथ आईं लेकिन कोई कमाल नहीं कर सकीं. सपा-बसपा मिलाकर सिर्फ 15 सीटें जीत पाईं.
खुद समाजवादी पार्टी के खाते में सिर्फ 5 सीटें आईं, इनमें अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव और आजम खान जैसे दिग्गजों की सीट शामिल रही. हालांकि, इस बार यादव परिवार को ही हार का सामना करना पड़ा, डिंपल यादव कन्नौज, धर्मेंद्र यादव बदायूं और अक्षय यादव फिरोजाबाद से इस बार चुनाव हार गए.