फर्रुखाबाद:ज्यों-ज्यों चुनाव की तिथि नजदीक आ रही है, चुनावी सरगर्मी तेज होती जा रही है। प्रत्याशी मतदाताओं को रिझाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। लेकिन मतदाता भी इस बार सोच समझ कर बैठा है|
रात होते ही कई प्रत्याशी मतदाताओं के सोने का इंतजार करते हैं ताकि दूसरा प्रत्याशी उस जगह से निकल जाए और वे मतदाता को किसी भी तरीके से रिझा सकें। वे मतदाताओं के घर से स्थानीय बाजारों तक उसका पीछा करते हैं। वहीं कई मतदाताओं को प्रत्याशी कपड़े भी बांट रहे हैं। कुछ प्रत्याशी मतदाताओं को दावत कराकर अपने पक्ष में करने की जी-तोड़ कोशिश कर रहे हैं। एक मजेदार बात यह है कि कुछ मतदाता लगभग हर प्रत्याशी से कुछ न कुछ ले रहे हैं।
प्रत्याशी किसी भी हाल में चुनाव जीतने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। कोई प्रत्याशी भ्रष्टाचार मुक्त समाज देने तो कोई शहर के संपूर्ण विकास का दावा कर चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहता है। चुनाव के पहले सड़क पर अकड़ कर चलने वाले प्रत्याशी वोटरों के आगे अपनी सिर झुका हाथ जोड़कर वोट मांग रहे हैं।
कुछ ऐसे भी प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं जिन्हें अपनी हार अभी से ही दिखाई देने लगी है। नतीजतन वैसे प्रत्याशियों के व्यवहार में झल्लाहट की भी बू आ रही है। देखने-दिखाने की बात तो मतगणना के बाद होगा, फिलहाल मतदाता ही वैसे प्रत्याशियों को देख लेने का मन बना चुके हैं। जो मतदाता पद और पावर से नहीं झुक रहा, उन्हें पैसे से खरीदने की कोशिश की जा रही है। हर प्रत्याशी साम, दाम, दंड भेद की नीति अपना रहा है। कोई प्रत्याशी जाति-धर्म की दुहाई दे रहा है तो कोई समाज और रिश्ते के बल पर मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने में लगा है।