दंतेवाड़ा:छत्तीसगढ़ के अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित जिले दंतेवाड़ा में मंगलवार की शाम नक्सलियों ने एक बड़ी घटना को अंजाम दिया। नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी की चपेट में आने से हमले में भाजपा विधायक भीमा मंडावी की मौत हो गई। उनके साथ ही घटना में सुरक्षा में तैनात चार जवान भी शहीद हो गए। इस घटना के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाइ लेवल मीटिंग बुलाई है। पीएम मोदी ने हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि भीमा मांडवी भारतीय जनता पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता थे। मेरी संवेदनाएं विधायक के परिवार के साथ है।स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भीमा मंडावी कुआकोण्डा ब्लॉक के श्यामगिरी गांव में चुनावी सभा को संबोधित करने के बाद वापस नकुलनार लौट रहे थे, तभी सड़क पर नक्सलियों द्वारा लगाए गए लैंडमाइन्स (आइडी) के ऊपर से उनका बुलेट प्रूफ वाहन गुजरा और विस्फोट हो गया।
विस्फोट में वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। घटना मंगलवार शाम करीब चार बजे की बताई जा रही है। इस हमले में विधायक भीमा मंडावी की मौके पर ही मौत हो गई।वाहन में विधायक की सुरक्षा में तैनात चार जवान भी सवार थे, जो इस घटना में शहीद हो गए। श्यामगिरी में आज वार्षिक मड़ई मेले का भी आयोजन किया गया था। इसी मेले के दौरान आयोजित जनसभा को संबोधित करने वे जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव में गए थे। बता दें कि पांच साल पहले ठीक इसी जगह पर नक्सलियों ने हमला किया था, जिसमें एक जवान शहीद हुआ था।
भीमा मंडावी साल 2008 में दंतेवाड़ा सीट से पहली बार विधायक बने थे। साल 2013 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी देवती कर्मा के हाथों हार हुई थी। साल 2018 में वे वापस चुनाव जीतकर आए और बस्तर संभाग से भाजपा के इकलौते विधायक थे। विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष भी और भाजपा के आदिवासी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी थे।
कौन थे भीमा मंडावी
भीमा मंडावी विधानसभा में भाजपा विधायक दल के उपनेता हैं। मंडावी दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। दंतेवाड़ा जिले के गदापाल निवासी मंडावी 2008 में विधायक चुने गए थे। 2013 का विधानसभा चुनाव वे देवती कर्मा से हार गए थे, लेकिन 2018 में पार्टी ने फिर से उन्हें टिकट दिया।इस बार उन्होंने देवती कर्मा को 2071 वोटों से मात दी थी। भीमा को कुल 37 हजार 744 वोट मिले थे, जबकि देवती को 35 हजार 673 वोट। 2002 में स्नातक की डिग्री हासिल करने वाले भीमा पेशे से किसान थे। भीमा के परिवार में माता- पिता और पत्नी ओजस्वी मंडावी के अलावा एक पुत्र खिलेंद्र मंडावी है।
भीमा मंडावी की हत्या के बाद भाजपा ने आपात बैठक बुलाई है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह भाजपा ने नेताओं को भी राजधानी तलब किया है। विधायक भीमा मंडावी की हत्या के बाद केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुब्रत साहू से रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट चुनाव तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मांगी गई है। 11 अप्रैल को राज्य में प्रथम चरण के तहत बस्तर में मतदान होने वाला है।
इससे ठीक दो दिन पहले इस बड़ी घटना को नक्सलियों ने अंजाम दे दिया। बावजूद इसके तय तिथि को ही बस्तर में मतदान होंगे। निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि बस्तर में नक्सल हिंसा के बीच लोकतंत्र नहीं झुकेगा और तय तिथि को ही यहां मतदान कराया जाएगा।
यहां सुरक्षा व्यवस्था की फिर से समीक्षा होगी। शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न् कराने के लिए बस्तर में अतिरिक्त सुरक्षा बल भी भेजा सकता है। भीमा मंडावी की मौत के बाद पीएमओ और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कार्यालय से भी रिपोर्ट तलब की गई है।