डेस्क:लोकसभा चुनाव में जीत के लिए हर वोट को अपने पक्ष में करने के लिए नेता जद्दोजहद में जुटे हुए हैं। हर वोट की गिनती की जा रही है। ऐसे में रोजी-रोटी या पढ़ाई के लिए जिले से बाहर रह रहे वोटरों पर भी राजनीतिक पार्टियों की नजर है। इलेक्शन वार रूम में ऐसे मतदाताओं को लुभाने और अपने पाले में करने पर भी विचार-मंथन जारी है। मतदाताओं को खोजने और साधने की कवायद भी शुरू कर दी है।
लोकसभा क्षेत्र के अधिकांश परिवारों के एक-दो सदस्य जिले से बाहर नौकरी करते हैं। एक आकलन के मुताबिक जिले के एक लाख से अधिक लोग रोजी-रोटी के लिए बाहर रहते हैं। सभी प्रमुख दलों ने अपने कार्यकर्ताओं को यह पता लगाने का जिम्मा सौंपा है कि किस गांव के कितने लोग बाहर रहते हैं। अब कार्यकर्ता बाहर नौकरी करने वालों के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। इनके फोन नंबर लेकर बात की जा रही है। इनसे मतदान के दिन वोट डालने आने के लिए गुजारिश भी की जा रही है।
युवाओं की संख्या ज्यादा
बाहर नौकरी व पढ़ाई करने वालों में युवाओं की संख्या ज्यादा है। अधिकांश दिल्ली , हरियाणा, राजस्थान में निजी संस्थानों में नौकरी कर रहे हैं। अपने-अपने प्रभाव वाले वोटरों को लाने के लिए आने-जाने का खर्चा तक देने को तैयार हैं। उनके परिवारीजनों से भी संपर्क साधा जा रहा है।
लोकसभा क्षेत्र के अधिकांश परिवारों के एक-दो सदस्य जिले से बाहर नौकरी करते हैं। एक आकलन के मुताबिक जिले के एक लाख से अधिक लोग रोजी-रोटी के लिए बाहर रहते हैं। सभी प्रमुख दलों ने अपने कार्यकर्ताओं को यह पता लगाने का जिम्मा सौंपा है कि किस गांव के कितने लोग बाहर रहते हैं। अब कार्यकर्ता बाहर नौकरी करने वालों के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। इनके फोन नंबर लेकर बात की जा रही है। इनसे मतदान के दिन वोट डालने आने के लिए गुजारिश भी की जा रही है।
युवाओं की संख्या ज्यादा
बाहर नौकरी व पढ़ाई करने वालों में युवाओं की संख्या ज्यादा है। अधिकांश दिल्ली , हरियाणा, राजस्थान में निजी संस्थानों में नौकरी कर रहे हैं। अपने-अपने प्रभाव वाले वोटरों को लाने के लिए आने-जाने का खर्चा तक देने को तैयार हैं। उनके परिवारीजनों से भी संपर्क साधा जा रहा है।