नई दिल्ली:लोकसभा चुनाव 2019 में सोनिया गांधी रायबरेली से ही चुनाव लड़ेंगी तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी सीट अमेठी से ही चुनावी ताल ठोकेंगे। इन दोनों की उम्मीदवारी के साथ कांग्रेस ने उत्तरप्रदेश की 11 सीटों समेत लोकसभा चुनाव के लिए 15 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। सोनिया की राय बरेली से उम्मीदवारी का ऐलान कर कांग्रेस ने उनके सक्रिय राजनीति से संन्यास की अटकलों को भी विराम लगा दिया है।
इतना ही नहीं उत्तरप्रदेश और गुजरात के 15 उम्मीदवारों की सूची जारी कर लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने से पहले ही कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी की सत्ता को चुनौती देने की रणभेरी बजा दी है। उत्तरप्रदेश में उम्मीदवारों के ऐलान के कदम को सपा और बसपा पर कांग्रेस की दबाव की सियासत के रुप में भी देखा जा रहा है। वहीं कांग्रेस महासचिव के रुप में सियासत में उतरीं प्रियंका गांधी वाड्रा के चुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस ने फिलहाल सस्पेंस कायम रखा है।
लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों की सूची जारी कर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस चुनौती का भी जवाब देने की कोशिश कि पुलवामा के बाद विपक्ष के चेहरे लटके हुए हैं। चुनावी मुकाबले में भाजपा से दो दो हाथ करने के लिए कांग्रेस के तैयार होने का संदेश देने के लिए ही सांकेतिक रुप से उत्तरप्रदेश और गुजरात की कुछ सीटों के उम्मीदवारों की सूची जारी की गई। गुजरात पीएम मोदी का गृह राज्य है तो वाराणसी उनकी सियासी कर्मभूमि। कांग्रेस ने सोनिया और राहुल के अलावा उत्तरप्रदेश की उन्हीं सीटों के उम्मीदवारों की सूची जारी की है जहां पार्टी का मजबूत जनाधार माना जाता है। सपा बसपा से गठबंधन अगर होता भी तो ये लगभग सभी सीटें कांग्रेस के खाते में आतीं।
पूर्वांचल की कुशीनगर सीट से पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री आरपीएन सिंह उम्मीदवार बनाए गए हैं और इनके चुनाव लड़ने पर कोई संदेह नहीं था। इसी तरह धौरहरा से उम्मीदवार बने पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद का चुनाव लड़ना भी तय था। फरूर्खाबाद से सलमान खुर्शीद, फैजाबाद से निर्मल खत्री, सहारनपुर से इमरान मसूद, उन्नाव से अनु टंडन, बदायूं से सलीम शेरवानी, जालौन सुरक्षित सीट से बृजलाल खबरी और अकबरपुर से राजाराम पाल को उम्मीदवार बनाया गया है।पिछले लोकसभा चुनाव में इनमें से अधिकांश सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहे थे। इसीलिए माना जा रहा कि सपा और बसपा को विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस के लिए जगह बनाने का अंतिम संदेश देने की खातिर अभी वैसी सीटों के उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया गया है जहां समझौते की गुंजाइश है। हालांकि सपा और बसपा की तैयारियों को देखते हुए कांग्रेस सूबे में विपक्षी महागठबंधन का हिस्सा होगी इसको लेकर ज्यादा उम्मीद नहीं दिख रही।
सोनिया गांधी के चुनाव लड़ने का संदेश यह भी है कि विपक्षी गठबंधन के दलों को साधने के लिए संप्रग अध्यक्ष के तौर पर उनकी सियासी सक्रियता का कांग्रेस लाभ उठाने का पूरा प्रयास करेगी। तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी से लेकर बसपा प्रमुख मायावती जैसी दिग्गजों को विपक्षी खेमेबंदी में लाने के लिहाज से सोनिया की सक्रियता जाहिर तौर पर राहुल गांधी के लिए चुनाव बाद की परिस्थितियों में खास तौर पर अहम होगी। वहीं सोनिया ने भी चुनाव लडने का फैसला कर यह संदेह देने का प्रयास किया है कि उनकी सेहत ऐसी भी नहीं कि सक्रिय राजनीति में भूमिका नहीं निभा सकें।
उत्तरप्रदेश के अलावा कांग्रेस की पहली सूची में गुजरात की चार लोकसभा सीटों के उम्मीदवारों का ऐलान किया गया है। इसमें अहमदबाद पश्चिम सुरक्षित सीट से राजू परमार, आनंद से भरत सिंह सोलंकी, वडोदरा से प्रशांत पटेल और छोटा उदयपुर सुरक्षित से रंजीत मोहन सिंह राठवा को उम्मीदवार बनाया गया है।