फर्रुखाबाद:अबैधानिक तरीके से फतेहगढ़ बार एसोसिएशन का चुनाव सम्पन्न करने के आरोप में बार कौंसिल यूपी ने बार एसोसिएशन अध्यक्ष व सचिव सहित पांच लोगों पर विधि व्यवसाय करने पर आगामी 10 वर्षों के लिए रोंक लगा दी है|
अधिवक्ता राजीव वाजपेयी की याचिका पर कार्यवाही करते हुए बार काउंसिल की अनुशासन समिति के अध्यक्ष महाधिवक्ता राघवेन्द्र सिंह व सदस्य शंकरलाल वर्मा व जय नरायन सिंह ने जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विश्राम सिंह यादव,सचिव संजीव पारिया,अनुशासन समिति के सदस्य डॉ0 अनुपम दुबे, दीपक द्विवेदी व शिव प्रताप सिंह चीनू के विधि व्यवसाय पर 10 वर्ष के लिए रोंक लगा दी है| उन्हें व्यवसायिक कदाचरण का दोषी माना गया है| आदेश आने के बाद अधिवक्ता राजीव वाजपेयी,राजकुमार सिंह राठौर,जबाहर सिंह गंगवार,धर्मवीर गौतम आदि ने मिष्ठान वितरित किया| और फैसले को एक दम ठीक बताया|
महासचिव संजीब पारिया ने बताया कि बीते 9 फरवरी 2019 का बार कौसिल आफ उत्तर प्रदेश की विशेष समिति का निर्णय नितांत अनुचित है| गैर क़ानूनी का न्याय के सिद्धांतों के विपरीत है| चुनाव उच्च न्यायालय के आदेश पर 22 अगस्त 2017 की रिट याचिका बार एसोसिएशन फतेहगढ़ बनाम यूपी राज्य व 03 अन्य के अनुसार कराया गया| इसके अतिरिक्त वर्तमान में भी बार कौसिल आफ उत्तर प्रदेश द्वारा तानाशाही पूर्ण रवैया अपनाते हुए यह आदेश पारित किया गया है| इस आदेश को बार कौंसिल आफ इंडिया में न केबल चैलेन्ज किया जायेगा वल्कि उच्च न्यायालय में बार कौंसिल आफ यूपी के खिलाफ अवमानना की याचिका भी दाखिल की जायेगी|